भोपाल. ट्रेन में सफर के दौरान नशेबाजी या सहयात्रियों से बदसलूकी करने वालों को जेल पहुंचाने वाले एप को सरकार ने सराहा है। इस एप के जरिए घटना की फोटो खींचकर भेजते ही अगले स्टेशन पर आरोपियों को दबोचने का सिलसिला जारी है। डेढ़ साल में भोपाल मंडल में तीन हजार से ज्यादा मामलों में यात्रियों को इसी एप के जरिए राहत मिली है। ऐसे में जीआरपी हेल्पलाइन मोबाइल एप को आईटी क्षेत्र में बेहतर नवीन प्रयोग के लिए ई-गर्वनेंस अवॉर्ड मेंं पहला स्थान मिला है। इसी महीने एप को बनवाने वाले डीजी होमगार्ड मैथिलीशरण गुप्त को अवॉर्ड मिलेगा।
दिसम्बर 2014 में लांच हुआ था एप
इस एप को 17 दिसंबर 2014 को दिल्ली में लांच किया गया था। वहीं 13 फरवरी 2015 को भोपाल में इसका अपडेट वर्जन लांच किया गया था। जीआरपी के मुताबिक इस एप के जरिए अब तक 3 हजार से अधिक यात्रियों को मदद मिली है। एप की खासियत है कि भले ही इसे मध्य प्रदेश जीआरपी ने तैयार किया लेकिन यह देश भर में काम करता है। यह एप बगैर इंटरनेट के भी एसओएस सिस्टम पर काम करता है। लो- कनेक्टिविटी में भी मैसेज जीआरपी कंट्रोल रूम तक पहुंच जाता है।
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