भोपाल। खजूरी से नीलबड़ पुरानी सड़क का विस्तार कर बनाई जा रही नई रोड मुगालिया छाप गांव से लेकर नीलबड़ तक लगे पेड़ों की बलि चढ़ाकर बनाई जाएगी। यानी विकास के नाम पर उस क्षेत्र से हरियाली का नामो-निशान मिटा दिया जाएगा। कोई एक दो नहीं बल्कि बड़ी मात्रा में पेड़ों को काटने की स्क्रिप्ट लिखी जा चुकी है।
24 साल पुराने पेड़ 27 करोड़ के ठेके के आगे बौने साबित हो रहे हैं। मुगालिया छाप गांव से आगे खजूरी की तरफ रोड बनाने का जो काम हो रहा है उसके लिए भी बड़े पेड़ों को काटा जा चुका है। बडे़-बड़े पेड़ों के जले हुए अवशेष पड़े हैं, लकड़ी कहां गई किसी को नहीं पता। खजूरी से नीलबड़ तक 1992 में 10 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण किया गया था।
समय के साथ इस सड़क को विस्तार करने की जरूरत महसूस हुई और पीडब्ल्यूडी ने एक निजी कंपनी को ठेका देकर 21 फीट चौड़ी सड़क का काम शुरू करवा दिया। यहां तक तो सब ठीक है, लेकिन पुरानी सड़क के दोनों तरफ बड़े-बड़े पेड़ लगे हैं, पेड़ों की संख्या कोई एक दो नहीं बल्कि 2700 से ज्यादा है। सड़क को चौड़ी करने के लिए कहीं दोनों तरफ से तो कहीं एक तरफ के पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है। मगर मुगालिया गांव से लेकर नीलबड़ पर सड़क के दोनों तरफ बड़ी संख्या में पेड़ लगे हैं जो इस क्षेत्र के लिए ग्रीन बेल्ट का भी काम करते हैं। कुछ दिनों बाद ये काम मुगालिया छाप गांव से नीलबड़ की तरफ बढ़ेगा तो विकास के नाम पर कुल्हाड़ी इन पेड़ों पर भी चलेगी।।
नहीं कराया प्लांटेशन
सड़क के लिए पेड़ों को चोरी छिपे काटा जा रहा है, ये बात यहां इसलिए फिट बैठती है क्योंकि पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कह रहे हैं कि वहां कोई पेड़ नहीं कटा है। अगर जरूरत पड़ेगी तो परमिशन लेकर पेड़ काटे जाएंगे। जबकि पड़ताल में स्पॉट पर बड़े पेड़ों के कटे हुए ठंूठ पड़े हैं, उनमें भी आग लगाने के बाद रातों रात जेसीबी चलवाकर जगह समतल करा दी है। मगर कुछ ठूंठ बच गए हैं।
इनका कहना है…
सड़क का विस्तार करना अच्छी बात है, लेकिन विकास के नाम पर हरे पेड़ों की बलि चढ़ा दी जाए ये कहां तक सही है। कई जगह पेड़ काटे जा चुके हैं। प्लांटेशन कुछ भी नहीं है। हरियाली उजाड़कर जो विकास किया जाए वा विकास किस काम का है।
– अनोखी मान सिंह पटेल, पूर्व जनपद अध्यक्ष फंदा
सीधी बात: ए.एस रघुवंशी
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी
सवाल: खजूरी से लेकर नीलबड़ तक जो सड़क बनाई जा रही है उसका काम पीडब्ल्यूडी के पास है?
जवाब: हां, वो काम पीडब्ल्यूडी करा रही है, 17 महीने में सड़क बनाकर देनी है।
सवाल: इस सड़क को बनाने में बड़े पेड़ों की बलि चढ़ाई जा रही है?
जवाब: नहीं एेसा नहीं, हमने पेड़ों की लिस्टिंग कराई है। अगर एक भी पेड़ कटेगा तो उसकी परमिशन ली जाएगी। और जहां तक मेरी जानकारी में है, वहां पेड़ नहीं कटे हैं।
सवाल: मुगालिया छाप से खजूरी की तरफ जहां काम चल रहा है, वहां पर पेड़ों के बड़े ठूंठ पड़े हैं। कइयों को जलाया भी गया है?
जवाब: एेसा नहीं है, फिर भी मैं दिखवा लेता हूं।
Hindi News / Bhopal / भोपाल की GREENARY पर चल रही कुल्हाड़ी, काटे जा रहे 2700 पेड़