भोपाल। आज धनतेरस है। पांच दिनी दीपोत्सव का पहला दिन। इस दिन सोने-चांदी की खरीद बेहद शुभ और फलदायी मानी जाती है। बाजार में सोने का भाव 30500 रु. प्रति तोला से ऊपर चल रहा है। जो लोग सोना खरीद नहीं सकते, उनके लिए शास्त्रों में एक ऐसी विधि वर्णित की गई है, जिससे वे घर बैठे सोना बना लें।
चौंकिए नहीं, सोना बनाने की ये रहस्यमय तकनीक आज भी बेहद गुप्त है। बनने के बाद आपकी कोई भी धातु सोने की तरह कीमती हो जाएगी, पर असली सोने से ये 40 से 50 फीसदी तक नकली होगी। दिखने में कोई ये नहीं कर सकता कि ये नकली है, पर वाकई में ये असली ही होती है।
आइए हम बताते हैं घर पर सोना बनाने की ये रहस्यमय तकनीक…
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इन पांच स्टैप में समझें सोना बनाने की पूरी विधि…
– शुद्ध लोहा 500 ग्राम, शुद्ध पीतल 500 ग्राम और शुद्ध कांसा 500 ग्राम लेकर उसे अलग अलग पिघलाएं।
– पिघल जाने पर तीनो को मिश्रण करके एक कटोरे या कढ़ाई का रूप दे दें। ध्यान रहे उस बर्तन में कहीं छेद न हो।
– तीनों धातु शुद्ध और बराबर मात्रा में हो। ऐसा बर्तन बनाने में दिक्कत हो तो बनाने वाले से ही बनवालें।
– बर्तन बन जाने के बाद उसे रख लें और बाजार से किसी विश्वसनीय पंसारी की दुकान से 200 ग्राम गंधक, 200 ग्राम नीला थोथा (तुतिया), 200 ग्राम नमक और 200 कुमकुम (रोली) और रस सिंदूर खरीदें।
– 100 ग्राम शुद्ध पारा और शहद भी खरीद कर लें। ध्यान रहे, गंधक को सभी लोग जानते हैं। नीला थोथा जिसे तुतिया भी कहते हैं। यह नीले रंग का होता है, यह पूर्णत: जहर होता है।
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– सभी सामग्री एकत्रित करके गंधक, नीला थोथा, नमक और रोली अलग-अलग कूट पीसकर आपस में मिला दें।
– अब इसे एक किलो स्वच्छ ताजे पानी में घोल दें। इसके बाद चूल्हा या स्टोव पर आग जलाएं और तीन धातुओं वाले बने बर्तन में इस घोल को डाले। उसे धीमी आंच पर पकाएं।
– जब पानी उबलने लगे तो 100 ग्राम पारे को रससिंदूर में अच्छी तरह से घोटे। पारे का विष निकलकर साफ होता जाएगा।
– उस पारे की गोली बनाएं और उसके ऊपर शहद चिपोड दें। फिर उसे खौलते पानी में सामग्रियों के बीच धीरे से रख दें। उसे धीमी आंच पर पकने दें।
– जब दो तिहाई भाग पानी जल जाए तो पारे के गोले पर ध्यान रखे, वह गोला हल्का हल्का सुनहला होता जाएगा। जब पूरी तरह से सुनहला दिखने लगे तो बर्तन को नीचे उतार लें।
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ये सावधानी जरूर बरतें
1. नीला थोथा जहर होता है, इसे छूने के बाद हर बार हाथ धो लें।
2. गंधक भी कुछ इसी तरह का पदार्थ है। छूने के बाद हाथ धो लें।
3. पारा अति चंचल द्रव्य है। इसे जमीं पर गिरने से बचाएं।
4. सामग्री पकाते समय आंखों को किसी विशेष चश्मे से ढके रखें।
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