भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने एक ऐप की लॉन्चिंग की है। इस ऐप की मदद से किसानों को न केवल उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी कई समस्याओं का हल इस ऐप के जरिए आसानी से पा सकेंगे। जानें आखिर क्या है ये ऐप और कैसे करेगा किसानों के अधिकारों की रक्षा…
* सीएम शिवराज सिहं चौहान ने किसानों के हित में प्रभावी कदम उठाने का आश्वासन देते हुए प्रभावी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
* इसके तहत उन्होंने किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में हर संभव कदम उठाने की बात कही है।
* लॉन्चिंग के दौरान उन्होंने कहा कि किसानों को समर्थन मूल्य और बाजार मूल्य के अंतर के आधार पर आदर्श दर से भुगतान करने का प्रयोग भी किया जाएगा।
* मोबाइल ऐप से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि राजस्व विभाग का यह क्रांतिकारी कदम है।
* यह ऐप भविष्य में बड़े बदलाव लाएगा।
* उन्होंने ऐप संचालन के लिए एनआईसी का उपयोग करने के निर्देश दिए।
* इस मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से पटवारियों को उनके मोबाइल पर ही ग्राम के समस्त भूमि स्वामियों के सभी खसरों की जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
* इसमें उपलब्ध जानकारी को अपलोड करते ही किसानों को उससे संबंधित खसरों में फसल गिरदावरी के अंतर्गत कौन सी जानकारी दर्ज की गई है, यह सूचना एसएमएस के माध्यम से भेजी जाएगी।
* इसमें एक पासकोड भी होगा।
* यदि किसान, पटवारी द्वारा भरी गई जानकारी से सहमत हैं, तो वह पासकोड पटवारी को बताएगा।
* जब पटवारी द्वारा यह पासकोड एप्लीकेशन में डाला जाएगा तभी जानकारी को अंतिम माना जाएगा।
* यदि किसी किसान के पास कोई मोबाइल नंबर नहीं है, तो वह अपने पड़ोसी का नंबर भी एसएमएस प्राप्त करने में उपयोग कर सकेगा।
* फसल की जानकारी के साथ ही अन्य पड़त भूमि, भूमि में लगे वृक्ष, मकान आदि की जानकारी भी इस ऐप के जरिए प्राप्त की जा सकेगी।
* इस ऐप पर कई महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध होंगी। इस बार किसानों को फसल गिरदावरी से संबंधित तमाम जानकारियां इस ऐप पर मिलेंगी।
जानें क्या है फसल गिरदावरी और क्यों है जरूरी
* फसल गिरदावरी प्रतिवर्ष की जाने वाली एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। य
* यह वर्ष में दो बार खरीफ और रबी सीजन की बुवाई के बाद की जाती है।
* इसे भू-अभिलेखों में दर्ज किया जाता है।
* यह कृषि सांख्यिकी एकत्रित करने की प्रक्रिया है।
* इसके प्रक्रिया के आधार पर फसलों के क्षेत्रफल एवं उत्पादन संबंधी अनुमान की जानकारी तैयार की जाती है।
* कृषि वर्ष 1 जुलाई से शुरू होता है और 30 जून को सम्पन्न होता है।
* प्रथम खरीफ की फसलों तथा द्वितीय रबी की फसलों के आधार पर चालू वर्ष के खसरे में बोए गए क्षेत्रफल की फसल गिरदावरी के आधार पर दर्ज की जाती है।
* फसल गिरदावरी के आधार पर ही खरीफ और रबी फसलों के बोए गए रकबे के आंकड़े प्राप्त होते हैं।
* उस आधार पर प्रमुख फसलों के उत्पादन व उत्पादकता अनुमान तथा राज्य एवं देश की कृषि दर निर्धारित की जाती है।
* फसल गिरदावरी कार्य से ही फसल का पूर्वानुमान लगाना आसान होता है।
* इससे फसल गिरदावरी को राजस्व खसरे के रकबे के आधार पर सांख्यिकी कार्य के लिए जानकारी शासन को प्रेषित की जाती है।
* यह जानकारी कई मामलों जैसे फसल बीमा, प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई, बैंक ऋण, योजनाओं के लाभ लेने आदि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है।
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