भोपाल। नोटबंदी के असर की बात खत्म हो गई, लेकिन अब कैशलेस विजन आम आदमी के लिए मुसीबत का सबब बनता जा रहा है। अशिक्षा, जागरुकता की कमी और पिछड़ापन तो कैशलेस विजन की राह में बड़ी अड़चन है ही, वहीं अब यह गरीबों की थाली तक पहुंचने वाले एक रुपए किलो वाले चावल तक पर भारी पड़ रहा है।
एेसे मुश्किल बढ़ाएगा सरकार का ये फैसला
मप्र सरकार अब प्रदेशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों को भी कैशलेस करने जा रही है। यानी ग्राहकों को इन दुकानों पर एक रुपए में मिलने वाला एक किलो चावल खरीदने के लिए भी क्रेडिट-डेबिट कार्ड या मोबाइल के जरिए भुगतान करना होगा।
विभाग को जारी किए आदेश
इसके लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने सभी जिलों को 31 दिसंबर से 1 जनवरी तक 10-10 दुकानों पर कैशलेस ट्रांजेक्शन के ट्रायल का आदेश जारी कर दिया है। जिम्मेदारों के मुताबिक राजधानी में भी शनिवार को 10 दुकानों पर नकद में भुगतान पूरी तरह बंद रहेगा।
मोबाइल न कार्ड, कैसे खरीदेंगे चावल
विशेषज्ञों के मुताबिक पीडीएस की दुकानों से सामान लेने वाले गरीब तबके के लोगों के लिए सरकार का यह निर्णय मुश्किलें खड़ी कर सकता है। क्योंकि कई लोगों के पास साधारण मोबाइल फोन तक नहीं हैं। वहीं इन दुकानों पर ज्यादातर बुजुर्ग और अधेड़ महिलाएं ही राशन लेने जाती हैं, वे कैसे ई-पेमेंट कर पाएंगी। ऐसे में उन्हें खाली हाथ ही लौटना होगा।
फिलहाल ये ट्रायल भोपाल में
आदेश के मुताबिक फिलहाल ये ट्रायल भोपाल की पीडीएस दुकानों पर ही किया जाएगा। यहां इन दुकानों को आज 100 फीसदी कैशलेस किया गया है। तीन दिन के अंदर इसका ट्रायल करने के निर्देश दिए हैं। जो नतीजे आएंगे, उसी के आधार पर सरकार ये तय करेगी कि इसे पूर्णत: कब से लागू किया जाए।
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