मनीष गीते
भोपाल। वेटरन बॉलीवुड एक्टर अमोल पालेकर रविवार को भोपाल में थे। उनके आगमन की भनक किसी कलाकार और मीडिया को भी नहीं लगी। वे शनिवार को एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आए और रविवार को गुपचुप मुंबई के लिए उड़ गए।
हिन्दी-मराठी रंगमंच और सिनेमा के लोकप्रिय अभिनेता अमोल पालेकर शनिवार को निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। रविवार को कुछ समय उन्होंने भारत भवन में बिताया। इस दौरान कला जगत के विनय उपाध्याय के साथ उन्होंने कुछ ‘अमोल क्षण’ बिताए और भारत भवन की कलादीर्घा के बारे में चर्चा की।
उन्होंने भारत भवन में आदिवासी कला वीथिका की दीवार पर चस्पा कलाकृतियों और सिरेमिक कार्यशाला में आकार ले रहे शिल्पों को मनोयोग से देखा। बहिरंग में झील किनारे मानसूनी बादलों ओर हरे-भरे बगीचों को भी काफी देर तक निहारा।
विनय उपाध्याय के मुताबिक अमोल ने हुसैन, गायतोंडे, हिम्मत शाह आदि चित्रकारों का ससम्मान ज़िक्र किया और चित्रकला में अपनी गहरी दिलचस्पी और खुद के सृजन की चर्चा की।
भारत भवन की यादों में खोए पालेकर
अमोलजी ने करीब 30 साल पुरानी भोपाल की यात्रा को भी याद किया, जब वे प्रख्यात रंगकर्मी और अपने नाट्य गुरु स्व. सत्यदेव दुबे के निर्देशन में आयोजित नाटक ‘हयवदन’ का मंचन करने आए थे। अमोल ने गुजरे जमाने के मूर्धन्य रंगकर्मी ब.व. कारंत को भी याद किया।
(फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर ने अपनी पत्नी के साथ रविवार का कुछ वक्त विश्व प्रसिद्ध भारत भवन की गलियारों में बिताया। उन्होंने यहां आदिवासी पेंटिंग्स को शिद्दत के साथ निहारा।)
चित्रकार के रूप में नजर आएंगे अमोल
उपाध्याय के मुताबिक अमोल ने बताया कि वे उनका पहला प्यार पेंटिंग है। उन्होंने भारत भवन में पेंटिंग्स पर तल्लीनता से चर्चा की। उनकी पेंटिंग्स के प्रति दीवानगी साफ झलक रही थी। उन्होंने जल्द ही भोपाल आने की इच्छा जाहिर की। ऐसा लगता है कि वे जल्द ही भारत भवन में एक एक्टर नहीं, पेंटर की भूमिका में नजर आए।
(भारत भवन में रविवार को फिल्म अभिनेता अमोल पालेकर अपनी पत्नी के साथ आए। साथ में विनय उपाध्याय।)
सब ‘गोलमाल’ कर गए
शनिवार को गुपचुप निजी कार्यक्रम में आए जाने-माने बॉलीवुड एक्टर अमोल पालेकर अपने प्रशंसकों को ‘गोलमाल’ कर गए। उनकी यात्रा की भनक किसी कलाकार और किसी भी मीडिया को नहीं लगी। वे कब अपने प्रशंसकों के शहर में आए और मुंबई उड़ गए। उनके गुपचुप आने से उनके प्रशंसकों में निराशा रही। जैसे-जैसे उनके आने की खबर फैलती गई कई लोग भारत भवन उनकी एक झलक पाने के लिए दौड़े। तब तक वे मुंबई पहुंच चुके थे।
दुर्घटनावश बने एक्टर
71 साल के जाने माने इस एक्टर को आज भी इनके अभिनय के लिए आद किया जाता है। इन्हें आज भी पेंटिंग्स से बेहद लगाव है। अक्सर वे कहते भी हैं कि पेंटिंग उनका पहला प्यार है। जेजे स्कूल ऑफ फाइन आर्ट्स से PG करने के बाद करियर की शुरुआत बतौर पेंटर ही की थी। वे अक्सर कहते भी हैं कि मैं प्रशिक्षण पाकर पेंटर बना, दुर्घटनावश Actor बन गया।
यादगार है बासु चटर्जी का साथ
1970 के दशक में पालेकर ने बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बनाई थी। इंटरव्यू में वे अक्सर कहते थे कि 10 में से 9 फिल्में मैं रिजेक्ट कर देता था। बासु चटर्जी-अमोल पालेकर की जोड़ी ने उस दौर में काफी धूम मचाई थी।
कमाल का था डायरेक्शन
अमोल की फिल्म आकृत, थोड़ा-सा रूमानी हो जाए, दायरा, कैरी, पहेली आदि फिल्मों और कच्ची धूप, नकाब, मृगनयनी जैसे टीवी सीरियलों के डायरेक्शन में नाम कमाया।
बैंक में क्लर्क थे अमोल
महाराष्ट्र के साधारण परिवार में जन्म लेने वाले अमोल ने एक बैंक में क्लर्क की नौकरी की थी। परिवार का फिल्मों से कोई नाता नहीं था। उनके पिता पोस्ट ऑफिस में नौकरी करते थे।
अमोल ने की दो शादियां
अमोल पालेकर ने दो शादियां कीं हैं। पहली पत्नी चित्रा से बेटी शलमाली है, वह ऑस्ट्रेलिया की एक यूनिवर्सिटी में टीचिंग का काम करती है। उनकी दूसरी पत्नी संध्या गोखले से हुई बेटी का नाम समीहा है। वह न्यूयॉर्क में वकालत करने के बाद अब समाजसेवा कर रही हैं।
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