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भोपाल

तीन साल की मासूम के साथ RAPE की कोशिश, झाडिय़ों में फेंक गया दुष्कर्मी

घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अंशुमान सिंह सुल्तानिया अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने मौके पर मौजूद डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों को जमकर लताड़ लगाई। 

भोपालAug 31, 2016 / 02:29 pm

Anwar Khan

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार को एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के प्रयास का सनसनीखेज मामला सामने आया है। बच्ची फिलहाल अस्पताल में भर्ती है, पर सुबह 6 बजे से दिन के 12 बजे तक उस पर जो मुसीबतें बीती, वो वाकई इंसानियत को शर्मसार करने वाली है। 

जानकारी के मुताबिक तीन साल की ये मासूम बुधवार सुबह करीब 6 बजे भोपाल के पातरा पुल के पास रेलवे के अंडर ब्रिज के नीचे झाडिय़ों में पड़ी थी। ब्रिज के पास गुजराती मोहल्ले के रहने वाले मनोज बागरी सुबह शौच करने पहुंचे। यहां झाडिय़ों के पास उन्हें बच्ची के रोने की आवाज आई। मनोज शौच करके जब जाने लगे, तो बच्ची के रोने की आवाज फिर सुनाई दी। उन्होंने ब्रिज के पास जाकर देखा तो एक बच्ची पुल की दीवार पकड़ते हुए किनारे से ऊपर चढऩे की कोशिश करते हुई दिखी। 




national crime bureau record data 2015

(मनोज बागरी और ज्योत्स्ना बागरी)

पहले पत्नी को बुलाया, फिर की मदद
मनोज ने बच्ची को देखा और सबसे पहले अपनी पत्नी ज्योत्सना बागरी और मोहल्ले की अन्य महिलाओं को बताया। कई महिलाएं मौके पर पहुंची और उन्होंने बच्ची को बाहर निकाला। बच्ची बुरी तरह घायल थी। उसके पैरों से खून निकल रहा था। महिलाओं ने सतर्कता दिखाई और उसे पास ही स्थित इंदिरा अस्पताल ले गईं।




डॉक्टरों ने दिखाई अमानवीयता
इंदिरा अस्पताल के डॉक्टर्स ने रेप का मामला होने के चलते बच्ची को बिना प्राथमिक इलाज दिन महिलाओं के साथ सुल्तानिया अस्पताल रेफर कर दिया। बच्ची को जब सुल्तानिया अस्पताल लाया गया तो यहां भी डॉक्टर्स ने अमानवीय व्यवहार किया। दरअसल बच्ची के माता-पिता का पता नहीं चल सका, इसलिए डॉक्टर्स बच्ची का इलाज शुरू नहीं कर रहे थे, जबकि घटना की जानकारी लगने के बाद पुलिस सुल्तानिया अस्पताल पहुंच गई थी। फिर भी न तो पुलिस ने और न ही डॉक्टर्स ने बच्ची को तत्काल इलाज देने की जहमत उठाई। डॉक्टर्स और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे।




एसपी को पता चला तो उन्होंने लगाई फटकार
घटना की जानकारी मिलते ही एसपी अंशुमान सिंह सुल्तानिया अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने मौके पर मौजूद डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों को जमकर लताड़ लगाई। एसपी ने कहा कि जब किसी घायल के परिजनों का पता नहीं चलता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी पुलिस की होती है। ऐसे में पुलिसकर्मियों ने बच्ची को तत्काल इलाज कराने के लिए जिम्मेदारी क्यों नहीं ली। एसपी ने डॉक्टर्स पर भी अमानवीय व्यवहार करने को लेकर फटकार लगाई।




बच्ची फिलहाल अस्पताल में भर्ती
एसपी के सख्त रुख के बाद डॉक्टर्स ने बच्ची का इलाज शुरू किया। बच्ची अभी सुल्तानिया अस्पताल में भर्ती है और डॉक्टर्स उसकी सेहत पर बराबर नजर रखे हुए हैं। पुलिस को फिलहाल बच्ची के माता-पिता का पता नहीं चल पाया है। 

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