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भोपाल

#TALENT: कभी दो टाइम की रोटी भी नहीं थी, आज हैं इंटरनेशनल खिलाड़ी

लक्ष्य पर नजर : भोपाल के कयाकिंग खिलाड़ी मनीष कौरव ने सुनाई सफलता की कहानी

भोपालJul 03, 2016 / 10:22 am

Anwar Khan

manish kaurav

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भोपाल। ‘कुछ कर गुजरने का सपना है, तो फिर कैसी भी चुनौतियां हों, उनका सामना करते हुए आगे बढ़ते जाएं…अपने लक्ष्य को पाने के लिए लक्ष्य पर ही डटे रहें राहें आसान हो जाएंगी।’ यह कहना है भोपाल के कयाकिंग खिलाड़ी मनीष कौरव का। कयाकिंग के के-1 कैटेगरी के खिलाड़ी मनीष ऐसे परिवार में जन्में जहां आर्थिक तंगी के बीच जीवन गुजारना था। बचपन से ही खेलों से प्रभावित होने वाले मनीष ने कम उम्र में ही सोच लिया था कि वे कॅरियर के रूप में किसी खेल को ही चुनेंगे।

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हालांकि आर्थिक परेशानियों के कारण अक्सर उन्हें निराशा ही हाथ लगती रही। लेकिन निराशाओं का यह घोर अंधेरा उनके आत्मबल को तोड़ नहीं सका, उनके इरादों को हौसलों को झुका नहीं सका। आखिरकार एक खिलाड़ी के रूप में वे लक्ष्य तक ही नहीं पहुंचे बल्कि स्टेट लेवल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी के रूप में अपनी पहचान बनाई।


कई पदक किए अपने नाम
मनीष बताते हैं कि शहर के छोटे तालाब में एक बोट और हाथ में चापू लेकर वे कयाकिंग का अभ्यास किया करते थे। अपनी पहली नेशनल चैम्पिशिप में रजत पदक जीता। 2016 में आयोजित नेशनल कयाकिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। कई स्टेट चैम्पियनशिप के अलावा इंडिया के कैंप में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।


तैराकी में भी हैं गोल्ड मैडलिस्ट
मनीष कयाकिंग के पहले तैराकी में भी अपना लौहा बनवा चुके हैं। उन्होंने 8 साल की उम्र से ही लहरों से खेलना शुरू कर दिया था। मनीष ने तैराकी की पांच नेशनल प्रतियोगिताओं में पांच गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके अलावा छह रजत और चार कांस्य पदक अपने नाम कर चुके हैं। अब मनीष का सपना है पैरा ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना। इसके लिए वह कोच मंयक ठाकुर के मार्गदर्शन में कयाकिंग का प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। वहीं अगामी उज्बेकिस्तान में होने वाली एशियन चैम्पियनशिप की तैयारी में जुटे हैं।

जर्मनी में दिखाई प्रतिभा
ग्वालियर के एक गांव से तालुल्क रखने वाला यह खिलाड़ी आज अपनी प्रतिभा के बल पर ही भारतीय टीम में जगह बनाने में कामयाब रहा। मनीष ने कई नेशनल प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन किया। वहीं इंटरनेशनल स्तर के खिलाड़ी के रूप में भी अपनी विशेष पहचान बनाई। जर्मनी में आयोजित वल्र्ड कैन्नोए चैम्पियनशिप में भी मनीष अपने खेल का जलवा बिखेर चुका है।

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