भोपाल में जन्मे RBI के गवर्नर रघुराम राजन पैदाइशी डॉक्टर हैं! चौंकिए नहीं ऐसा ही है और ऐसा हम नहीं बल्कि उनका बर्थ सर्टिफिकेट कहता है। mp.patrika.com बताने जा रहा है राजन के भोपाल प्रवास के दौरान हुए रोचक किस्से…।
भोपाल। MP की राजधानी भोपाल में जन्मे RBI के गवर्नर रघुराम राजन के बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर काफी हो हल्ला मचा था। हालात ये बने कि जिस बर्थ सर्टिफिकेट को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह राजन को सौंपने वाले थे उसे जारी करने वाले नगर निगम कमिश्नर को ही मुकरना पड़ा।
दरअसल, 29 अप्रैल को भोपाल आए आरबीआई गवर्नर के बर्थ सर्टिफिकेट में भोपाल नगर निगम ने एक बड़ी गलती कर दी। नगर निगम उन्हें बर्थ सर्टिफिकेट गिफ्ट करना चाहता था। एक दिन में ही सारी प्रोसेस कर तैयार हुए इस बर्थ सर्टिफिकेट में नगर निगम ने राजन के जन्म नाम के आगे डॉक्टर लिख दिया। इतना ही नहीं राजन के सर्टिफिकेट बनवाने में भी रजिस्ट्रार ने प्रूफ भी नहीं देखा और डा. रघुराम राजन लिखकर बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इस गलती से ऐसा लग रहा था, मानो राजन जब पैदा हुए तब ही उन्हें डॉक्टर की उपाधि दे दी गई हो!
जब मामला गर्माया तो नगर निगम कमिश्नर छवि भारद्वाज ने किसी सर्टिफिकेट के जारी होने से ही इनकार कर दिया। ऐसे में सवाल उठना लाजमी था कि आखिर रजिस्ट्रार के साइन वाला ये सर्टिफिकेट आया कहां से? इसको जारी करने का मकसद क्या था?
तमिल परिवार में जन्मे थे राजन
भोपाल में 3 फरवरी 1963 को जन्मे राजन को CM शिवराज सिंह ने यह जन्म प्रमाण पत्र भेंट किया। RBI चीफ को यह सर्टिफिकेट 53 साल बाद मिला है। राजन का जन्म भोपाल में ही एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राजन की माता का नाम मयथिली और पिता का नाम आर गोविंद राजन है।
सर्टिफिकेट में थी यह खामियां
रघुराम राजन के बर्थ सर्टिफिकेट में एक नहीं कई गलतियां भी हैं। रघुराम राजन खुद या उनके माता-पिता या संरक्षक ही बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो राजन परिवार की तरफ से कोई आवेदन नहीं दिया गया। उनके सर्टिफिकेट में भोपाल का पता भी नहीं दिया गया। इसके अलावा उनका जन्म कौन से अस्पताल या संस्था में हुआ जिक्र नहीं किया गया।
अभी आम आदमी को लगता है इतना वक्त
सूत्रों बताते हैं कि RBI गवर्नर का सर्टिफिकेट 28 अप्रैल को जारी हुआ है, जो एक दिन की ही प्रक्रिया में तैयार कर दिया गया। इसके अलावा आम नागरिकों को बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई बार तो एक माह से भी अधिक समय तक लोगों को सर्टिफिकेट का इंतजार करना पड़ता है। यदि उसमें कोई गलती हो गई तो उसे सुधरवाने के लिए भी एक से दो माह तक चक्कर लगाना पड़ता है। इसके अलावा कई प्रकार के कागजात भी लगाने पड़ते हैं।
तो एक दिन में बन सकता है सर्टिफिकेट
ऐसे में माना जा रहा है कि नगर निगम चाहे तो आम लोगों को भी इतने कम समय में सर्टिफिकेट बनाकर दे सकता है। इसके लिए नगर निगम शुल्क भी लेता है। यदि जन्म के एक सप्ताह और एक माह के भीतर प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाते हैं तो आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय से आदेश बनवाना कर नगर निगम ले जाना पड़ता है। इस काम में 15 से 20 दिन का समय और लग जाता है। इस प्रोसेस में जब आम नागरिक के लिए सर्टिफिकेट बनकर तैयार होता है तो उसे प्रूफ करने के लिए भी एक दिन बुलाया जाता है। उसके बाद फाइनल सर्टिफिकेट जारी किया जाता है।
यह भी है खास बात
– बच्चे के जन्म के 21 दिनों के भीतर आवेदन करना जरूरी होता है।
– मृत्यु के बाद भी 21 दिनों के भीतर आवेदन जरूरी होता है। इसमें नाम मात्र का शुल्क लगता है।
– प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आनलाइन सुविधा भी शुरू हो चुकी है।
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