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भोपाल

रेलवे में क्लेम के बदले RULE, अब ऐसे मिल सकेगा हर्जाना

आरसीटी की प्रिंसिपल बेंच ने केस फाइल करते वक्त ही बैंक अकाउंट डिटेल्स प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं। 

भोपालJul 26, 2016 / 09:52 am

Anwar Khan

 the land acquisition process to be wrong

The Court imposed a ban, claiming the land acquisition process to be wrong

विकास वर्मा @ भोपाल। आपको हर्जाना मिले या ना मिले लेकिन अगर आप रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) में केस दायर करने जा रहे हैं तो आवेदक को अपनी बैंक अकाउंट डिटेल्स भी देनी होगी। वहीं केस में एक से अधिक आवेदक हैं तो सबकी बैंक डिटेल्स देनी होगी। आरसीटी की दिल्ली स्थित प्रिंसिपल बेंच ने यह आदेश जारी किया है। अभी तक केस फाइल करते वक्त बैंक डिटेल्स देने की बाध्यता नहीं थी। 2 जून को ‘पत्रिका’ ने इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें बताया गया था कि आरसीटी में आए मामलों में करीब 50 आवेदकों के 17 महीनों से हर्जाने के 3 करोड़ रुपए पश्चिम मध्य रेलवे के पास थे लेकिन कोई लेने नहीं पहुंचा था।



इस संबंध में पश्चिम मध्य रेलवे के सीसीएम ने आरसीटी को पत्र लिखकर आवेदकों को अपनी बैंक डिटेल्स उपलब्ध कराने को कहा था ताकि हर्जाने की राशि उनके खातों में ट्रांसफर की जा सके। जिसके बाद आरसीटी की प्रिंसिपल बेंच ने केस फाइल करते वक्त ही बैंक अकाउंट डिटेल्स प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए हैं। 


आरसीटी में दायर होते हैं ट्रेन एक्सीडेंटल और गुड्स केस 
रेलवे की गलती से हुए एक्सीडेंट और गुड्स संबंधी केस में रेलवे से हर्जाना वसूलने के लिए रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) में केस दायर किए जाते हैं। आरसीटी में गुड्स संबंधी मामलों में अधिकतम 3 साल और दुर्घटना के मामले में 1 साल के अंदर क्लेम आवेदन करने का नियम है।
 
इनका कहना है…
रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल में केस रजिस्टर कराते वक्त ही अब आवेदकों को अपनी बैंक डिटेल्स देनी होगी। बगैर बैंक डिटेल्स केस एडमिट नहीं किया जाएगा। ये आदेश दिल्ली स्थित पिं्रसिपल बेंच से दिया गया है।
– एके खरे, एडिशनल रजिस्ट्रार, आरसीटी

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