भोपाल। इन दिनों एक वायरस ने इंटरनेट यूजर्स, ऑनलाइन शॉपिंग के शौकीन और सायबर एक्सपर्ट की नींद उड़ा दी है। ये वायरस न केवल डाटा करप्ट कर रहा है, बल्कि ऑनलाइन कामकाज को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के क्रेडिट व डेबिट कार्ड पर भी ये अटैक कर रहा है। आइए जानते हैं इस वायरस के बारे में और इससे बचने के उपाय….
एक कंपनी ने छोड़ा ये वायरस
मध्यप्रदेश के जाने-माने सायबर एक्सपर्ट अशोक कुमावत के मुताबिक इंटरनेट यूजर्स के लिए रेनसमवेयर नामक वायरस 5-6 माह से सिरदर्द बना हुआ है। वायरस से आए दिन किसी ना किसी के डाटा एनक्रिप्ट हो रहे हैं। रेनसमवेयर वायरस बनाने वाली कंपनी डाटा को अपने पास संरक्षित कर लेती है। वायरस कंपनी डाटा को पुन: लौटाने के लिए करीब दस से बीस हजार रुपए तक नेट यूजर्स से ऑनलाइन वसूल कर रही है। सायबर एक्सपर्ट का कहना है कि यदि कोई यूजर्स इस वायरस से परेशान है और कंपनी उससे अवैध वसूली कर रही है तो यूजर्स इसकी शिकायत सायबर सेल में कर सकते हैं। इसकी अनदेखी करना भविष्य में नुकसानदेह हो सकता है।
डायल-100 पर भी हो चुका इसी वायरस का अटैक
रेनसमवेयर नामक ये वायरस काफी ताकतवर है। सायबर एक्सपर्ट के अनुसार यह एक बेहद शक्तिशाली खतरनाक वायरस है जो कंप्यूटर की सभी फाइलों को एनक्रिप्ट कर देता है। हाल ही में डायल-100 पर भी एक ई-मेल के जरिए वायरस भेजा गया था। जिसे काफी डाटा करप्ट हो गया था। इस वायरस अटैक के बाद डायल-100 ने अपने सॉफ्टवेयर्स को अति सुरक्षित किया है। ये वायरस लगातार इंटरनेट यूज करने वाले डेस्कटॉप पर सबसे ज्यादा अटैक कर रहा है।
स्पैम मेल से रहें सावधान
सायबर एक्सपर्ट के अनुसार मेल सर्फिंग करते समय अक्सर स्पैम मेल आते रहते हैं। कई मेल को यूजर्स सामान्य समझ क्लिक कर देता है। ऐसे में सिस्टम वायरस की चपेट में आ जाता है। पायरेटेड एंटी वायरस भी इन्हें खत्म नहीं कर पाता। यूजर्स को फाइल नेम एक्सटेंशन को हाइड कर रखना चाहिए। रेनसमवेयर वायरस किसी भी फाइल के एक्सटेंशन नाम को चेंज कर देते हैं जो हमें अपने सिस्टम में दिखाई देते है। यदि फाइल नेम एक्सटेंशन के ऑप्शन को शो कर दें तो आप आसानी से संदिग्ध फाइल्स को एक्सटेंशन नेम की मदद से खोज सकते हैं।
पायरेटेड एंटी वाइरस भी नुकसानदेह
यदि आपको कोई मेल संदिग्ध लग रहा है या किसी अनजान व्यक्ति ने इसे भेजा गया है तो उसे खोलने या उसका जवाब ना दें। ऐसा करने पर व्यक्तिगत जानकारी को खतरा हो सकता है। इससे कम्प्यूटर का गोपनीय डाटा किसी भी रेनसमवेयर वायरस का शिकार हो सकता है। इससे बचने के लिए बैकअप लेते रहना चाहिए। वायरस यदि सिस्टम में आता भी है तो डाटा बैकअप आसानी से लिया जा सकता है। यदि फिर भी डाटा सुरक्षित नहीं हो पा रहा है तो यूजर्स सायबर एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं। यदि आपका कोई प्राइवेट डाटा इस वायरस के कारण करप्ट हुआ हो तो आप इसकी शिकायत सायबर सेल में कर सकते हैं। सायबर सेल में इस वायरस से जुड़ी शिकायतें हर दूसरे दिन आ रही हैं। सायबर एक्सपर्ट भी कंपनी को वायरस हटाने की बात कह चुके हैं।
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