भोपाल। इन दिनों मध्यप्रदेश टूरिज्म को लेकर नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर चर्चा का विषय बना हुआ है। दुष्कर्म के मामलों में अव्वल, मासूमों की हत्या, भ्रूण हत्या जैसे मामलों ने भी प्रदेश को शर्मसार किया। अब किडनैपिंग के मामलों को लेकर जारी हुए ताजा आंकड़ों ने इस फिर से चर्चा में ला दिया है। एनसीआरबी की रिपोर्ट 2015 के मुताबिक MP में हर 24 घंटे में औसतन 18 अपहरण के मामले सामने आ रहे हैं। आपराधिक घटनाओं के इस ग्राफ ने प्रदेशवासियों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। अपराध के बढ़ते ग्राफ को लेकर लगातार सुर्खियों में आ रहे एमपी के ये फैक्ट जानकर हर परिवार दहशतजदा है और खुद ही सतर्क रहने की कोशिश कर रहा है…
* वर्ष 2015 में 365 दिन में 6,778 लोगों के अपहरण के मामले सामने आए।
* यानी हर 24 घंटे में औसतन 18 मामले अपहरण के दर्ज किए जा रहे हैं।
* हैरान करने वाला आंकड़ा ये है कि एक साल में सामने आए इन मामलों में 5,306 अपहरण के मामले मासूमों के थे। इनमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं।
* यानी हर दिन औसतन 15 बच्चों के अपहरण के मामले प्रदेशभर में दर्ज किए जा रहे हैं।
* एनसीआबी की ओर से जारी रिपोर्ट बताती है कि किडनेपिंग के मामलों का इतिहास देखा जाए, तो उत्तर प्रदेश और बिहार नंबर वन पर रहते हैं।
* इस बार भी इतिहास दोहराते हुए उत्तर प्रदेश किडनेपिंग के मामलों में अव्वल रहा। यहां 11,999 मामले किडनेपिंग के दर्ज किए गए।
* वहीं बिहार इस बार तीन पायदान नीचे खिसक कर चौथे नंबर पर आ गया। यानी वहां किडनेपिंग के मामलों में कमी आई है। यहां पिछले एक साल में 7,128 मामले दर्ज किए गए।
* महाराष्ट्र में 8,255 तो दिल्ली में 7,730 मामले सामने आए।
* मध्यप्रदेश 5वें स्थान पर रहा। यहां पिछले एक साल में 6,788 मामले किडनेपिंग के दर्ज किए गए हैं।
* वेस्ट बंगाल में 6,115 लोगों को किडनेप किया गया।
* आसाम में 5,831 मामले सामने आए।
* राजस्थान में जहां 5,426, तो हरियाणा में 3,236 मामले अपहरण के दर्ज किए गए।
* उड़ीसा भी इन मामलों में टॉप टेन में आ गया। यहां कुल 3,236 मामले अपहरण के दर्ज किए गए।
* दिल्ली में एक लाख की आबादी में 37 मामले अपहरण के सामने आए हैं। इस आंकड़े के बाद देश के सभी 29 राज्यों और 7 केंद्र प्रशासित राज्यों में टॉप पर आ गया।
* किडनेपिंग के मामलों में नेशनल रेट केटेगरी में यह प्रति एक लाख लोगों में 6.6 फीसदी मामले दर्ज किए गए हैं।
* 2015 में दिल्ली में हिंसा के 20,339 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें किडनेपिंग के 7,730 मामले दर्ज किए गए।
महिलाओं पर जबरन शादी करने के मामले में भी पीछे नहीं हम
पहले से ही किसी न किसी रूप में हिंसा और यौन शोषण जैसे मामलों के लगातार बढऩे से खुद को असुरक्षित महसूस कर रहीं प्रदेश की महिलाओं झेल रही प्रदेश की शोषित महिलाओं पर जबरन शादी करने का दबाव भी बनाया गया। ऐसे में अब तक 2,068 मामले सामने आए हैं। जिनमें खुद को बचाने के लिए उन पर जबरन शादी का दबाव बनाया गया।
* यदि वे नहीं मानी तो उनका अपहरण कर लिया गया।
* अपनी मर्जी के बिना दूसरों की पसंद और दबाव के चलते शादी करने के मामले में 2076 महिलाओं या लड़कियों को अपहरण का शिकार होना पड़ा।
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