scriptATM फ्रॉड यानि आपकी वित्तीय सुरक्षा में सेंध, ऐसे बचें इससे    | ATM fraud: save your money by using these tricks | Patrika News
भोपाल

ATM फ्रॉड यानि आपकी वित्तीय सुरक्षा में सेंध, ऐसे बचें इससे   

जरा सी असावधानी के चलते धोखेबाज छोटी सी तकनीक लगाकर आपके एटीएम कार्ड का क्लोन बना सकते हैं। इसके बाद वह जब चाहे तब वो आपके अकाउंट से चुटकियों में पैसा निकालकर उसे साफ कर सकते हैं।

भोपालJul 14, 2017 / 02:42 pm

दीपेश तिवारी

ATM cloning

fraud by atm


भोपाल। वर्तमान समय में देश भर में प्लास्टिक मनी पर जोर दिया जा रहा है। वहीं देश सहित मध्यप्रदेश के भोपाल व अन्य जिलों में लगातार इन मामलों में फ्रॉड की शिकायतें भी सामने आ रही हैं। भले ही आज के समय में प्लास्टिक मनी ने लोगों को कई सुविधाएं दी है, लेकिन इसके बावजूद सावधानी के अभाव में यह खतरा भी बन जाती है। 

जरा सी असावधानी के चलते धोखेबाज छोटी सी तकनीक लगाकर आपके एटीएम कार्ड का क्लोन बना सकते हैं। इसके बाद जब चाहे तब वो आपके अकाउंट से चुटकियों में पैसा निकालकर उसें साफ कर सकते हैं। 

यह है मामला-
दरअसल भोपाल शहर के सेवाय कॉम्प्लेक्स स्थित स्टेट बैंक के एटीएम से गुरुवार को तकरीबन डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों ने रुपए निकाले, वहीं इसके बाद अनजान लोगों द्वारा गुजरात के अहमदाबाद के एसबीआई के किसी एटीएम से उन्हीं के खातों से रुपए निकाल लिए गए। अपने खाते से रुपए निकाल लिए जाने की सूचना मोबाइल पर आने से भोपाल के खातेदारों के होश ही उड़ गए। लिहाजा, खातेदारों ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत सायबर सेल में की हैं।




दरअसल, सेवाय कॉम्प्लेक्स के एसबीआई एटीएम की क्लोनिंग कर एक दर्जन से ज्यादा लोगों के खातों में सेंध लगाने का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक ई-8/26 बंसत कुंज अरेरा कॉलोनी निवासी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार की तकनीकी अधिकारी ज्योति पिता एसएल बाथम के खाते से 40 हजार रुपए निकालने की शिकायत के बाद इस मामले का खुलासा हुआ। उन्होंने 8 जुलाई को उसी एटीएम से 10 हजार रुपए निकाले थे। उन्होंने बताया कि बुधवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर एक एसएमएस आया।

उनके खाते से अहमदाबाद के एटीएम से 10 हजार रुपए निकल गए। इसके बाद 11 बजे दो और 11 बजकर 1 मिनट पर चौथा एसएमएस आया। इसमें भी खाते से 10-10 हजार करके कुल 40 हजार रुपए उनके खाते से निकाल लिए जाने की सूचना मिली। वे फौरन एसबीआई एमपी नगर की मुख्य ब्रांच पहुंची तो बैंक कर्मचारियों ने मामला साबयर सेल का होने का हवाला देते हुए हाथ खड़े कर दिए।

इसके तत्काल बाद उन्होंने सायबर सेल में शिकायत की। ज्योति ने बताया कि 8 जुलाई की दोपहर 3 से 4 बजे के बीच उन्होंने आखिरी बार शेवाय कॉम्प्लेक्स स्थित एसबीआई के एटीएम से 10 हजार रुपए निकाले थे। शिकायत मिलते ही सायबर सेल के अधिकारी एटीएम पर पहुंचे तो उन्हें एटीएम के आगे का पैनल खुला मिला। सायबर सेल ने मामले को जांच में ले लिया है।

प्रदेश में पहले भी कई जगहों पर एटीएम की क्लोनिंग कर ऐसी वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। ऐसे में यहां हम आपको बता रहें उस ट्रिक के बारे में जिसका इस्तेमाल कर धोखेबाज आपके अकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं। 



1. धोखाधड़ी की हाईटेक ट्रिक : जब आप एटीएम मशीन में जाते हैं तो वो सामान्य सी दिखती है, लेकिन वो एटीएम मशीन धोखाधड़ी के पूरे साजो-सामान से लैस हो सकती है। एटीएम मशीन में जहां आप कार्ड एंटर करते हैं वहां इस हाईटेक ट्रिक में एक पोर्टेबल स्कैनर फिक्स कर दिया जाता है।

2. नंबर हो जाता है स्कैन : इस स्कैनर की बनावट एटीएम मशीन से बिलकुल मिलती-जुलती होती है। इसका अंदाजा आपको नहीं लग पाता कि यह एक स्कैनर है। यहां इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सामान्य तौर पर कार्ड एंट्री पॉइंट पर लाइट जलती रहती है, लेकिन स्कैनर में लगी एलईडी लाइट हमेशा ऑफ रहती है। जैसे ही आप कार्ड एंटर करते हैं आपके कार्ड को एटीएम मशीन से पहले ही स्कैन कर उसकी इमेज को धोखेबाज उस अडिशनल ट्रैपिंग डिवाइस में सेव कर लेते हैं। इसके बाद उनको जरूरत होती है एटीएम पिन नंबर की।

3. ऐसे पता करते हैं आपका पिन : स्कैनर के जरिए एक बार एटीएम कार्ड के नंबर जानने के बाद एटीएम कार्ड का पिन नंबर हासिल करने की बारी आती है। एटीएम मशीन में कार्ड लगाने के बाद पिन डालते हुए आप भले ही अकेले हों, लेकिन एटीएम मशीन के की—बोर्ड के ठीक ऊपर क्या कभी आपने गौर किया है, वहां कोई कैमरा हो सकता है जो बैटरी से संचालित होता है। ये कैमरा पिन नंबर डालते ही उसे कैप्चर कर लेता है। इसके बाद आपके एटीएम कार्ड नंबर और पिन समेत पूरा डेटा धोखोबाजों के पास पहुंच जाता है। इसके बाद वो जब चाहें तब आपके अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं।



ऐसे पता करें गडबडी:
1. मशीन पर लगा होता है स्‍कैनर:
 एटीम मशीन में कार्ड एंटर करने वाली जगह पर अगर लाइट जल रही है तो सब ठीक है, लेकिन अगर बंद है तो मामला गड़बड़ है क्योंकि स्कैनर में लगी एलइडी लाइट हमेशा बंद रहती है।

2. ऐसे एटीएम पिन धोखेबाजों तक जाने से रोकें:
जब आप कार्ड एंटर करते हैं तो आपके एटीएम कार्ड को मशीन में पहले से लगा स्कैनर स्कैन कर लेता है यानि वह इमेज उस अडिशनल ट्रैपिंग डिवाइस में सेव हो जाती है, जिसका इस्तेमाल बाद में आपका पैसा निकालने के लिए किया जाता है।


atithi shikshak new salary

मशीन में कार्ड डालने के बाद आपके एटीएम पिन का पता लगाने की बारी आती है और इसके लिए धोखेबाज एटीएम मशीन के कीबोर्ड के एकदम ऊपर एक कैमरा फिट कर देते हैं जो बैटरी से संचालित होता है, आपने शायद कभी गौर भी नहीं किया होगा और पैसा निकालते समय आपको लगता होगा कि आप अकेले हैं। लेकिन धोखेबाजों द्वारा फिट किया कैमरा आपके एटीएम पिन की तस्वीर कैप्चर कर लेता है। अत: पिन डालते समय या तो कीबोर्ड के एकदम ऊपर की जगह को चेक कर लें या पिन डालते समय जिन अंगुलियों से पिन डाल रहे हैं उन्हें दूसरे हाथ से कवर करके रखें।



Hindi News / Bhopal / ATM फ्रॉड यानि आपकी वित्तीय सुरक्षा में सेंध, ऐसे बचें इससे   

ट्रेंडिंग वीडियो