भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल से रविवार की रात 2-3 बजे 8 सिमी आतंकी फरार हो गए। इन आतंकियों को किसने मदद की? इस पूरी साजिश के पीछे कौन है? इन सवालों के जवाब में खुफिया एजेंसियों के सामने एक ही नाम आ रहा है, वो है – आतंकी अबू फैजल।
अबू फैजल प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन सिमी का खूंखार गुर्गा है और इन दिनों इसी सेंट्रल जेल में बंद है। आपको बता दें कि अबू मूलत: मुंबई का रहने वाला है और ये इंदौर के गुजराती कॉलेज से बीएचएमएस की पढ़ाई कर रहा था।
2006 में जब से गिरफ्तार किया गया था, उस दिन के बाद से ये कभी कॉलेज नहीं जा पाया। इसका पूरी तरह डॉक्टर बनने का सपना अधूरा ही रह गया। आज ये आतंकी मध्यप्रदेश में मौत का डॉक्टर बन गया है।
पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी
भोपाल की जिला अदालत में पिछले साल मई में तालिबान के समर्थन और नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए गए थे। प्रधानमंत्री की हत्या की धमकी के बाद से ही सिमी आतंकियों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाती थी।
फैजल वही शख्स है, जिससे पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान उन्हें निशाना बनाने के लिए हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी को करीब पांच लाख रुपए दिए थे। खंडवा जिला जेल से अबु फैजल सहित सिमी के छह आतंकी अक्टूबर 2013 में फरार हो गए थे। अबु फैजल को एटीएस ने तीन महीने बाद सेंधवा से गिरफ्तार कर लिया था। वहीं दो अन्य आतंकियों को तेलंगाना पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
ऐसे हुआ था गिरफ्तार
अबु फैजल पर खुफिया एजेंसियों की नजर सबसे पहले 2006 में पड़ी थी। इंदौर पुलिस ने वर्ष 2006 में बस स्टैंड के पास एक होटल से सिमी के 11 आतंकियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था। इनमें अबु फैजल भी शामिल था। जमानत पर छूटने के बाद से अबु फरार हो गया था और उसने देश में कई बड़े बम धमाकों और बैंक डकैती की वारदात को अंजाम दिया।
इंदौर के श्याम नगर में वर्ष 2008 में सफदर नागौरी सहित सिमी के 13 बड़े आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अबु फैजल ने सिमी की कमान संभाल ली थी। नागौरी की गिरफ्तारी पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अबु ने देश के कई शहरों में बम धमाकों को अंजाम दिया था।
डकैती से जुटा रहे थे धन
सफदर नागौरी की गिरफ्तारी के बाद संगठन कमजोर हुआ, तो उसे मजबूत करने के लिए उसने एक गैंग बनाई थी जो डकैती की बड़ी वारदातों को अंजाम देती थी। एनआईए की पूछताछ में अबु फैजल ने स्वीकार किया था कि उसने मध्यप्रदेश में लूट और डकैती की पांच बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था।
इनमें भोपाल में मणप्पुरम गोल्ड नामक एक वित्तीय संस्था में वर्ष 2010 में डाका डाल कर करीब ढ़ाई करोड़ रुपये के स्वर्णाभूषण उड़ाने का मामला भी शामिल था। इंदौर के कुछ बैंकों में 2008 और 2010 के बीच हुई बैंक डकैतियों में भी मध्य प्रदेश पुलिस को आतंकी संगठन की संलिप्तता मिली थी।
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