भारतीय डाक विभाग को भायी राजकीय पक्षी की बोली, लिफाफे में दी जगह
छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की बोली भारतीय डाक विभाग को भी भा
गई। भारतीय डाक विभाग ने अपने इस वर्ष के लिफाफे में पहाड़ी मैना को जगह दी
है।
जगदलपुर. छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना की बोली भारतीय डाक विभाग को भी भा गई। भारतीय डाक विभाग ने अपने इस वर्ष के लिफाफे में पहाड़ी मैना को जगह दी है।
बस्तर में इस लिफाफे का अनावरण व विमोचन 25 जून की दोपहर तीन बजे स्थानीय डाकघर में किया जाएगा। मुख्य अतिथि मुख्य वन संरक्षक विजय सिंह ध्रुव इसका अनावरण करेंगे।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान और प्रधान डाकघर की आेर से यह लिफाफा जारी किया जाएगा। आजादी के बाद से ऐसा दूसरी बार हुआ है जब बस्तर की कोई धरोहर लिफाफे या डाक टिकट पर दिखाई देगी।
इससे पहले 1981 में दंडामी माडि़या का एक रुपए का टिकट जारी किया गया था। इसके अलावा आजादी के पूर्व प्रवीरचंद्र भंजदेव का स्टाम्प जारी हुआ था।
बस्तर के कांगेर वैली में पाई जानी वाली दुर्लभ पहाड़ी मैना को छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी का दर्जा हासिल है। भारतीय डाक विभाग के लिफाफे में जगह बनाने से दूसरे राज्यों के लोग भी पहाड़ी मैना से रुबरू हो सकेंगे।
डाक अधीक्षक यूएस सिंह ने कहा, बस्तर में प्रसिद्ध बस्तर दशहरा, चित्रकोट, तीरथगढ़, कुटुमसर गुफा, प्रसिद्ध व्यक्ति, तीज, काष्ठ कला, ढोकरा शिल्प विश्व प्रसिद्ध है।
यहां के जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग सामने आकर पर्यटन स्थल और कला को पहचान देने की मांग करेंगे तो इसका प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जा सकता है।
एक ही बार होता है प्रिंट
संचार मंत्रालय 50 विषयों पर हर वर्ष प्रस्ताव मंगाता है। जिसमें से चयन किया जाता है। पहाड़ी मैना पर दो महीना का समय लगा। यह एक ही बार प्रिंट किया जाता है, इसका दोबारा प्रिंट नहीं किया जाता है।
यदि निजी डाक टिकट बनाने हो तो 12,500 रुपए लगते हैं। वहीं माय स्टाम्प योजना भी चल रही है जिसमें आप खुद का डाक टिकट जारी कर सकते हैं। इसके लिए 350 रुपए मात्र लगते हैं। इसमें कलात्मक मोनो के साथ 12 डाक टिकट जारी किया जाता है।
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