जगदलपुर. छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी के मामले बस्तर दूसरे स्थान पर है। बस्तर के युवक-युवतियों को अच्छी नौकरी व अच्छी जिंदगी के नाम पर प्रलोभन देकर काम दिलाने के लिए मानव तस्करी हो रही है।
वहीं राज्य के जशपुर, सरगुजा व रायगढ़ जिले का भी यही हाल है। प्रलोभन में फंसने के उनकी जिंदगी नरक के समान हो जाती है। उनकों बंधुआ मजदूर बनाकर काम पर रखा जाता है।
जोर जबर्दस्ती कराया जा रहा है
वहीं लड़कियों के साथ घर में चौका बर्तन करने के साथ अनैतिक कार्य में भी जोर जबर्दस्ती कराया जा रहा है। इस समस्या को गंभीरता से लेने की बात जिला विधिक प्राधिकरण के सचिव जितेंद्र सिंह ने कही।
अनैतिक व्यापार और मानव तस्करी
कमिश्नर सभाकक्ष में गुरुवार को महिला बाल विकास विभाग की ओर से अनैतिक व्यापार और मानव तस्करी विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला 48 वार्डों के पार्षदों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मानव तस्करी से संबंधित डॉक्युमेंट्री फिल्म दिखाई गई। सचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि मानव तस्करी का पता चलता है जब कोई महीनों से घर नहीं लौटता या संपर्क में नहीं होता।
बंधुआ मजदूर बना दिया जाता है
उन्होंने कहा दलालों के चंगुल में फंसकर बस्तर से हजारों लोग मजदूरी करने दूसरे शहर में जाते हैं।दलाल प्रलोभन देकर ले जाने के बाद नियोक्ता के पास छोड़ देते हैं जहां उनको बंधुआ मजदूर बना दिया जाता है।
मजदूरी व भोजन नहीं मिलता
हाड़तोड़ काम के बदले उनकों सही मजदूरी व भोजन नहीं मिलता। जिससे उनकी हालत दयनीय हो जाती है। यदि वहां से किसी तरह बचकर कोई वापस भी आ जाएं तो उनके विरुद्ध कोई अपराध पंजीबद्ध नहीं कराते हैं।
सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं
राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी इन भोले-भाले ग्रामीणों को नहीं है। जिससे वे रोजगार के लिए दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं। वक्ताओं ने कहा इनको सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने की जरूरत बताई गई।
मानव तस्करी रोकने के उपाय
गांव के नाबालिग बालक बालिकाओं को रोजगार के लिए बाहर जाने से रोकें। क्षेत्र में कोई भी दलाल आने पर थाने में सूचना दें।काम के लिए गांव से बाहर जाने पर सरपंच के पास जगह का नाम पता लिखाकर जाएं। तस्करी रोकने ये नंबर करे डॉयल-महिला सेल-1091, चाइल्ड लाइन-1098, पुलिस-100 हैं।
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