बरेली। अलीगंज के खैलम गाँव में काँवड़ यात्रा को लेकर पहले हंगामा हुआ जिसके बाद एक समुदाय के लोगों ने कांवड़ियों पर पथराव कर दिया। पथराव में कांवड़िए, पुलिसकर्मी और आईटीबीपी के जवानों को चोटे आई है। बताया जा रहा कि इस दौरान भीड़ ने एक एसडीएम की भी पिटाई कर दी। गाँव में हुई पथराव की घटना के बाद डीएम और एसएसपी मौके पर पहुँचे स्थिति को काबू में किया। फिलहाल गाँव में तनाव है जिसको देखते हुए गांव में भारी फ़ोर्स तैनात किया गया है।
रास्ते को लेकर हुआ विवाद
शुक्रवार को खेलम गाँव के लोग गौरी शंकर मन्दिर में जल चढ़ा कर लौट रहे कांवड़ियों का रास्ता दूसरे समुदाय के लोगों ने नई परम्परा बता कर रोक दिया।जिसके बाद काँवड़ यात्रा ले जा रहे लोगों ने हंगामा किया जिससे रोड जाम हो गया जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत की गयी तो तय हुआ की डीजे बन्द कर कर लोग निकलेंगे। कई घण्टे के हंगामे के बाद शाम को पुलिस और प्रशासन की अफसरों की मौजूदगी में भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ कांवड़ियों को गुजारा गया तो रस्ते में दूसरे पक्ष ने पथराव कर दिया पथराव होने से भगदड़ मच गयी और कांवड़िए और सुरक्षकर्मी घायल हो गए। भीड़ ने एसडीएम की भी पिटाई कर दी हालाँकि एसएसपी ने एसडीएम की पिटाई की घटना को खारिज किया है।
फेल हो गया ख़ुफ़िया तन्त्र
जिस तरह कांवड़ियों पर पथराव हुआ लगता है उसकी साजिश पहले ही रच ली गयी थी। घरों की छतों पर पत्थर एकत्र कर लिए गए थे और जब कावड़ियों का जत्था पुलिस और प्रशासन के अफसरों की मौजूदगी में वहां से गुजरा तो उन पर पथराव कर दिया। इससे ये बात साबित होती है कि पथराव करने वाले लोगों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी और उन्हें अफसरों का भी ख़ौफ़ नहीं था जिसके कारण भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ चल रहे अफसरों की मौजूदगी में कांवड़ियों पर पथराव हो गया और पुलिस के ख़ुफ़िया तंत्र को इसका अंदाजा नहीं हो पाया।
गाँव बना छावनी
हंगामे के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया है साथ ही और लोगों की तलाश की जा रही है। गाँव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस फ़ोर्स तैनात किया गया है।एसएसपी ने जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि पथराव में दो सिपाही घायल हुए है। स्थित को नियंत्रण में कर लिया गया है और इस मामले में बवाल करने वाले लीगों पर सख्त कार्रवाई होगी।
अफसरों की बढ़ी टेंशन
दो सोमवार शांतिपूर्ण तरीके से निपटने के बाद तीसरे सोमवार से पहले हुए बवाल ने अफसरों की नींद उड़ा दी है क्योकि साम्प्रदायिक दृष्टि से बरेली अति संवेदनशील जिलों में आता है यहाँ 2012 में भी काँवड़ के दौरान बवाल हुआ था और कर्फ्यू तक लगाना पड़ गया था।खेलम में हुए बवाल के बाद अब अफसरों की टेंशन बढ़ गयी है।