script3 साल में ही 2 मां व 2 बेटों की नृशंस हत्या की फाइल कर दी गई थी बंद, 10 साल बाद 7 गिरफ्तार | Balrampur : Brutal murder of 2 mothers and 2 sons file was close in 3 year, 7 arrested after 10 years | Patrika News
बलरामपुर

3 साल में ही 2 मां व 2 बेटों की नृशंस हत्या की फाइल कर दी गई थी बंद, 10 साल बाद 7 गिरफ्तार

1 आरोपी फरार, महिला के आंबा सहायिका बन जाने की रंजिश पर धनेशपुर जंगल
के जहाजपत्थर में लाठी-डंडे से पीट-पीटकर 2 महिलाओं व उनके बेटों की कर दी
गई थी हत्या

बलरामपुरJul 26, 2017 / 07:41 pm

Pranay Rana

Murder accused

Murder accused

राजपुर. 10 वर्ष पूर्व कुसमी थानांतर्गत धनेशपुर जंगल में एक ग्रामीण ने रंजिश पर अपने 7 साथियों के साथ मिलकर 2 महिलाओं व उनके दो बेटों की लाठी-डंडे से पीट-पीटकर नृशंस हत्या कर दी थी। रिपोर्ट पर जांच के बाद पुलिस आरोपियों को पकड़ पाने में सफल नहीं हो सकी थी। नतीजा ये हुआ कि 3 साल में ही उसने 4 गंभीर प्रकृति की हत्या की फाइल बंद कर दी। ऐसे में आरोपी खुलेआम घूम रहे थे।

सरगुजा के वर्तमान आईजी ने फिर से इसकी फाइल खुलवाई और 10 साल बाद मुख्य आरोपी सहित उसके 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया। जबकि एक आरोपी अभी भी फरार है। पुलिस ने सभी को आज न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।

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बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी थानांतर्गत ग्राम नवगई निवासी जीवंती बाई का का चयन वर्ष 2007 में आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर हो गया था। जबकि गांव का ही जगदेव कंवर अपनी पत्नी को इस पद पर नौकरी लगवाना चाह रहा था। जीवंती बाई की नौकरी लग जाने से वह उससे रंजिश रखने लगा था। उसने जीवंती को रास्ते से हटाने की योजना बना ली थी ताकि उसकी जगह उसकी पत्नी की नौकरी लग सके।

19 नवंबर 2007 को जीवंती बाई अपने 25 वर्षीय पुत्र संदीप के साथ खाता खुलवाने स्टेट बैंक गई थी। उसके साथ में गांव की अन्य आंगनबाड़ी सहायिका तीजो बाई व उसका पुत्र 15 वर्षीय छोटू उर्फ शिवशंकर बरगाह भी बैंक गए थे। शाम को बैंक से जीवंती व तीजो अपने-अपने पुत्रों के साथ घर लौट रहे थे। वे रास्ते में धनेशपुर जंगल के जहाजपत्थर पहुंचे ही थे कि मुख्य आरोपी जगदेव कंवर ने अपने 7 साथियों अरब साय, अशोक कंवर, माधो कंवर, उदयनाथ राम, वीरचंद, समर विजय व सनराम के साथ उन्हें रोक लिया।

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इसके बाद उन्होंने चारों की लाठी-डंडे से बेदम पिटाई की। जब आरोपियों को लगा कि वे मर चुके हैं तो उन्हें वहीं छोड़कर फरार हो गए। इधर पीछे से गांव का ही रफेल अपनी पत्नी चंद्रावती के साथ मौके पर पहुंचा तो देखा कि सभी लहूलुहान पड़े हैं। उन्होंने रुककर पूछा तो बताया कि आंगनबाड़ी सहायिका पद को लेकर उनसे मारपीट की गई है।

इसके बाद रफेल गांव पहुंचा और सरपंच-सचिव को जानकारी दी। इधर सूचना पर कुसमी पुलिस भी मौके पर पहुंची, तब तक चारों की मौत हो चुकी थी। मामले में पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धारा 302, 34 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की विवेचना शुरु की थी। लेकिन 3 साल तक किसी आरोपी के नहीं पकड़े जाने पर उन्होंने फाइल बंद कर दी थी।

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आईजी की ने खुलवाई फाइल और पकड़े गए आरोपी
मामला गंभीर प्रकृति का होने के कारण आईजी हिमांशु गुप्ता ने 10 साल पुराने हत्या की फाइल खुलवाई। उन्होंने बलरामपुर एसपी सदानंद कुमार को टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए। इस पर एसपी ने तात्कालिन एएसपी राजेंद्र भैया व एएसपी सूरजपुर एसआर भगत के नेतृत्व में मामले की विवेचना कराई। इसमें यह बात सामने आया कि जगदेव कंवर ने अपनी पत्नी को आंगनबाड़ी सहायिका बनाने की रंजिश में अपने 7 साथियों के साथ मिलकर जीवंती बाई, तीजो बाई व उनके दोनों पुत्रों की हत्या की थी।

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7 आरोपियों को भेजा गया जेल
मामले का खुलासा बलरामपुर एसपी डीआर आंचला व एएसपी नक्सल ऑपरेशन पंकज शुक्ला ने राजपुर थाने की। उन्होंने मामले के मुख्य आरोपी जगदेव कंवर ने अपने 7 साथियों अरब साय, अशोक कंवर, माधो कंवर, उदयनाथ राम, वीरचंद, समर विजय व सनराम के साथ हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।

इनमें से समर विजय पिता सनराम फरार चल रहा है। उसकी तलाश जारी है। अन्य सभी आरोपियों को पुलिस ने बुधवार को न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बताया कि इनमें से एक आरोपी कुसमी के ग्राम सरनाटोली निवासी उदयनाथ राम पिता लोकनाथ राम ग्राम भुलसी, डीपाडीह में शिक्षक के रूप में पदस्थ है।

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