बहराइच। उत्तर प्रदेश सरकार में CM अखिलेश यादव की कैबिनेट में युवा सोंच और युवा जोश की जीती जागती मिशाल कायम कर सरकार के हर सपनों को कामयाब कर रहे हैं जिले की मटेरा विधान सभा से याशर शाह। जो 2012 के विधानसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वन्दी को भारी मतों से पराजित कर जीत का परचम लहरा चुके हैं।
यासर शाह ने राजनीति के अखाड़े में जैसे ही ताल ठोंकी यकीन मानिये इनकी कार्यशैली के आगे तमाम सूरमाओं की आज तक गर्द तक ढूंढ़ने से नहीं मिली, भारत नेपाल बार्डर से लगे बहराइच जिले की संकरी गलियों वाले काजीपुरा इलाके के रहने वाले याशर शाह किसी परिचय के मोहताज नहीं। क्योंकी सफल राजनीति इनके परिवार की आनवांशिक पहचान बन चुकी है। यूं कहें तो अल्पसंख्यक बाहुल्य वाले जिले बहराइच की सारी सियायत का तानाबाना इसी परिवार की चौखट से हमेशा तय होता चला आ रहा है। जिले की राजनीति की सबसे बड़ी धुरी बन चुकी काजीपुरा इलाके की माटी का तिलक लगाकर 1993 से लेकर 2012 तक इस युवा कैबिनेट मंत्री के पिता डॉ वकार अहमद शाह ने लगातार सपा के टिकट से अपनी जीत का परचम लहराकर 4 बार से लगातर नगर विधायक होते चले आ रहे हैं। जबकि 2 बार सूबे में कैबिनेट मंत्री की भी अहम जिम्मेदारी को बड़ी कुशलता से निर्वहन किया, यही नहीं शिक्षा के क्षेत्र से जुडी इस परिवार से कैबिनेट मंत्री याशर शाह की मां रुवाब सईदा भी जिला पंचायत अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाने के बाद वर्ष 2004 से लेकर 2009 तक सपा सांसद का जिम्मा बखूबी निभाने में कामयाब रहीं।
यूं कहें तो बहराइच जिले के विकास के मामले में शाह परिवार का अहम रोल है और जिले की आवाम को भी इस परिवार पर काफी भरोसा हैं। शायद यही वजह है की आज ये परिवार राजनीति के अखाड़े में सबसे अहम पार्ट के तौर पर जाना जाता है, क्यों की सूबे की सियायत का सिक्का इसी पायदान से हमेशा उछाला जाता है, अचानक पिता की बीमारी ने इस युवा नेता याशर शाह के कन्धों पर जिले की सारी राजनीति की जिम्मेदारी का बोझ अचानक ला दिया। एक तरफ पिता की बीमारी को देख इस युवा नेता की आंखों में आंसू नहीं थम रहे थे। वहीं कन्धों पर जिले की सियासत का सफर तय करना किसी संघर्ष से कम नहीं था। इस दशा में भी इस युवा नेता ने अपने आप को कमजोर होने के बजाय अपनी कमजोरी को हथियार बना डाला, फिर क्या था कहीं न कहीं माता पिता से मिली सीख का ही नतीजा रहा की आज इस युवा नेता याशर शाह के ऊपर न सिर्फ मुख्यमंत्री को पूरा भरोसा है बल्कि जिले की आवाम भी इनकी कार्यशैली का गुड़गान करने से नहीं थकती।
प्रदेश के मुखिया ने पहले याशर शाह को ऊर्जा राज्य मंत्री के पद से नवाजा जिसमें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन इस कदर किया की जिले से लेकर प्रदेश की बिजली समस्या का समाधान होते देर नहीं लगा, उसके बाद इस युवा चेहरे को प्रदेश सरकार ने प्रमोट कर परिवहन विभाग स्वतन्त्र प्रभार का जिम्मा सौंपा। जिसमें इस कदर कायाकल्प किया की सड़कों पर साधरण बसों की जगह वॉल्वो शताब्दी के साथ ही स्कैनिया और एथनॉल बसों का साम्राज्य खड़ा कर एक नयी इबारत लिखने का काम कर दिखाया। नतीजा ये रहा की प्रदेश सरकार ने अपने आठवें मंत्रिमंडल के विस्तार में युवा सोंच और युवा जोश की मिशाल कायम कर रहे याशर शाह को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर पीठ थपथपाने का काम कर दिखाया है।
अपनी कामयाबी भरे सफर की जीत पर, जब पत्रिका उत्तर प्रदेश के संवाददाता राजीव शर्मा ने बात की तो कैबिनेट मंत्री याशर शाह ने साफ़ तौर पर कहा की हमारी नहीं बल्कि हमारे माता पिता, आदरणीय जनों एवं समस्त जनता के प्यार और सहयोग का नतीजा है, जिस पर मैं हमेशा खरा उतरने का प्रयास करता रहूंगा। मेरी प्राथमिकता रहेगी सरकार के समस्त विकास कार्यों का प्रमुखता से पालन कराना और अंतिम पायदान पर खड़ी हर एक जनता को इन्साफ मिले यही मेरी प्रथम और अंतिम प्रथमिकता रहेगी। जिस तरह जिले के विकास के मामले में इस कैबिनेट मंत्री ने अब तक जो काम किये यहां की आवाम के लिए वो किसी सपने से कम नहीं था।
इस युवा नेता की ही देन है की आज सीमावर्ती जिला बहराइच पहला ऐसा जिला है जहां मेट्रो की तर्ज पर HT और LT बिजली अंडर ग्राउंड जमीन के अंदर से सप्लाई होगी और तारों का मकड़जाल का नामोनिशान नही दिखेगा। 20 करोड़ की लागत से ट्रामा सेंटर का निर्माण हो, या कैसरबाग बस अड्डे की तर्ज पर बहराइच रोडवेज का निर्माण, बिजली आपूर्ति के लिए 22 सब स्टेशनों के साथ ही NH 28C लखनऊ बहराइच हाइवे पर हेमरिया के पास वोल्टेज की समस्या के निदान के लिए बना बिजली ट्रांसमिशन सेंटर का निर्माण, इसके साथ ही बिजली, पानी, सड़क, स्कूल के मामले में तो अब तक जितना विकास का खाका इस युवा मंत्री ने जिले की परिधि में खींच कर नया इतिहास बना डाला है शायद ही किसी सरकार के प्रतिनिधि ने इतना विकास के मामले में एक बार भी सोंचा हो। वहीं आगामी दिनों में जिले के विकास के मामले में विकास की गाथा लिखने के सवाल पर युवा सोंच और युवा जोश से लबरेज काबीना मंत्री याशर शाह का कहना है की, अभी तो मुट्ठी भर जमीं नापी है हमने, अभी तो सारा जहांन बाकी है ! कुछ इस तरह कैबिनेट मंत्री याशर शाह ने पत्रिका उत्तर प्रदेश की टीम से अपनी कामयाबी के सफर को शेयर किया।
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