इस्लामाबाद।
पठानकोट एयरबेस पर हुए
आतंकी हमले के मामले में
पाकिस्तान ने
तीन संदिग्ध को 6 दिनों की रिमांड पर भेज दिया है। सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी निरोधी अदालत ने खालिद महमूद, इरशादुल हक और मोहम्मद शोहेब को काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट को सौंप दिया है। इन तीनों आरोपियों को लाहौर से 70 किलोमीटर दूर हुई थी। हालांकि तीनों ने आरोपों से इनकार किया है। बता दें कि 2 जनवरी को पंजाब एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के पीछे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ बताया जा रहा है। वहीं संगठन का चीफ अजहर मसूद पहले से ही प्रोटेक्टिव कस्टडी में बंद है।
पाकिस्तान के होम मिनिस्टर चौधरी निसार अली खान के मुताबिक, हमारी शुरुआती जांच पूरी हो चुकी है। अगले कुछ दिनों में एसआईटी भारत जाएगी। भारत ने कहा है कि एसआईटी के आने की इन्फॉर्मेशन पांच दिन पहले देनी होगी। मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि हमने कुछ लोगों को अरेस्ट किया है। बता दें कि 2 जनवरी को सशस्त्र आतंककारियों ने वायु सेना के पश्चिमी कमांड के पठानकोट हवाई अड्डे पर हमला किया था। इसमें सुरक्षा बल के सात जवानों और एक नागरिक की मौत हो गई थी। दोनों ओर से गोलीबारी 5 जनवरी तक चलती रही। सुरक्षा बलों ने सभी छह आतंकियों को मार गिराया था।
पाक ने माना, हमारे मुल्क किया गया था फोन
बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान ने इस बात को मान ही लिया था कि पठानकोट एयरबेस पर हमला करने आए आतंकियों ने बहावलपुर में मौजूद जैश ए मोहम्मद के हेडक्वाटर्स ही फोन किया। हमले के बाद भारत ने ही ये नंबर पाकिस्तान को सौंपे थे। हालांकि पाक अधिकारियों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने वो नंबर बंद कर दिए हैं। इससे उनकी तलाश में परेशानी हो रही है। बता दें कि अजीज ने कहा था कि पठानकोट हमले में जैश-ए-मोहम्मद चीफ मौलाना मसूद अजहर प्रोटेक्टिव हिरासत में है। यह जानकारी देते हुए सरताज अजीज ने उस आरोप को भी खारिज किया था कि पाकिस्तान की ओर से पठानकोट हमले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने बताया कि मसूद 14 जनवरी से ही हिरासत में है। भारत ने आरोप लगाया था कि मसूद को हिरासत में लिए जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पाकिस्तान की ओर से दर्ज एफआईआर में मसूद का नाम न होने पर अजीज ने बताया कि पठानकोट हमले के लिए एफआईआर सिर्फ पहले स्तर की रिपोर्ट है और आगे दर्ज होने वाली एफआईआर में बाकी नाम जरूर शामिल किए जाएंगे।
सबूतों पर कार्रवाई
पठानकोट हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत की तरफ से दिए गए सबूतों के बारे में अजीज ने कहा था कि दिए गए मोबाइल नंबरों में से एक काम कर रहा था और उसकी लोकेशन बहावसपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय में पाई गई है। आगे कहा, सीमा पार अपराध की जांच मुश्किल हो जाती है क्योंकि हमारे पास लोकशन या सबूत नहीं होते। एसआईटी को मोबाइल नंबरों और उपलब्ध लिंक की जांच करनी पड़ी। उन्हें इस बात की जांच करनी पड़ी कि इस हमले के पीछे किसका हाथ हो सकता है।
Hindi News / world / Asia / पठानकोट हमला: पाकिस्तान ने तीन संदिग्धों को भेजा जेल