पाकिस्तान में छाया योग दिवस का क्रेज, मुस्लिमों को नहीं ऐतराज
भारत से योग सीख चुके योगी शमशाद हैदर पाकिस्तान में योग के प्रचार प्रसार के लिए पब्लिक पार्क में फ्री क्लासेज चलाते हैं
एक तरफ जहां भारत में योग का विरोध हो रहा है वहीं भारत, नेपाल तथा तिब्बत से योग सीख चुके योगी शमशाद हैदर पाकिस्तान में योग के प्रचार प्रसार में जुटे हैं। पहली नजर में देखने पर शमशाद हैदर एक भारतीय योगी की ही तरह नजर आते हैं दिखने में साधारण, शांत लेकिन आत्मविश्वासी। उनके अनुसार उन्हें यह ताकत और जज्बा भी योग का ही दिया हुआ है।
विश्व में एक कट्टर मुस्लिम देश के रूप में पहचान रखने वाले पाकिस्तान में योग का प्रचार प्रसार करना इतना सहज नहीं रहा फिर भी योगी हैदर की बदौलत आज पाकिस्तान में हजारों की संख्या में लोग योग क्लासेज ज्वॉइन कर रहे हैं। इनमें समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। एक साधारण से मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले हैदर ने भारत के हरिद्वार से अपनी योग यात्रा शुरू की है। इसके बाद लगभग सात वर्ष पूर्व उन्होंने पाकिस्तान में पहली योग क्लास लगाई। लाहौर के एक मनोचिकित्सक उनके पहले शिष्य बने, उसके बाद उनके शिष्यों की संख्या धीरे धीरे बढ़ती चली गई जो हजारों में है।
योग को लेकर चलाई गई उनकी इस मुहिम की बदौलत आज इस्लामाबाद और लाहौर के पार्कों में दाढ़ी-टोपी वाले लोग योगासन करते दिखाई देते हैं। इनमें से अधिकतर समाज के उच्च संभ्रांत वर्ग से आते हैं।
शमशाद हैदर कहते हैं कि योग के प्रचार के लिए वह पब्लिक पार्क में फ्री क्लासेज चलाते हैं लेकिन जो लोग व्यक्तिगत रूप से योग सिखना चाहते हैं, उनसे वो फीस लेते हैं। वह बताते हैं कि इस काम में उन्हें कई बार समस्याओं का भी सामना करना पड़ा। गत वर्ष उनके एक दोस्त के योग सेंटर में आग लगा दी गई परन्तु इन सब बातों से उन्हें डर नहीं लगता।
यह पूछने पर कि उन्होंने पाकिस्तान जैसे देश में योग को कैसे स्वीकार्य बनाया, वह कहते हैं कि वह कुछ आसनों के दौरान अल्लाह हू… अल्लाह हू की आवाज लगवाते हैं जो इसे सूफी परंपरा से जोड़ता है। योगी हैदर यह याद दिलाना भी नहीं भूलते कि योग के गुरु पतंजलि का जन्म पाकिस्तान के मुल्तान में ही हुआ था।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की सरकार ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने पर अपनी सहमति नहीं दी है। पाकिस्तान सरकार तथा कुछ मुस्लिम संगठनों के अनुसार योग हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है और इस्लाम के खिलाफ है। इसीलिए योग दिवस मनाना इस्लामिक मान्यताओं के विरूद्ध है। ऐसे में योगी शमशाद हैदर उम्मीद की किरण बन कर उभरते हैं और निस्वार्थ भाव से योग के प्रचार प्रसार के लिए पूरे पाकिस्तान में घूम घूम कर लोगों में योग के लिए जागृति जगा रहे हैं।
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