इलाहाबाद. हाईकोर्ट इलाहाबाद ने यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने एक्सप्रेस वे अथॉरिटी की ओर से गौतमबुद्धनगर के आछेपुर गांव में अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा 2013 के नए कानून के आधार पर देने का आदेश दिया है। ऐसा न करने पर कोर्ट ने किसानों को जमीन वापस करने को कहा है।
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर के आछेपुर गांव में यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी की ओर से 26 फरवरी 2009 को 81.9120 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। पर यह अधिग्रहण कानूनी पचड़े में फंस गया। अधिग्रहण पुराने कानून के आधार पर किया गया था, वीरसिंह व अन्य की ओर से 2010 में इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई। इस याचिका पर बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी कर याचिका निस्तारित कर दिया। सुनवाई करते हुए जस्टिस राजीव लोचन मेहरोत्रा की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिया।
इसके मुताबिक अथॉरिटी को दो महीने के अन्दर 2013 के कानून से जमीनों का मुआवजा देने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेशानुसान यदि नए कानून से मुआवजा नहीं दिया जाता है तो अथॉरिटी को किसानों की जमीन वापस करनी पड़ेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में प्लान डेवेलपमेंट के लिय भूमि अधिग्रहण में अरजेंसी क्लॉज को अवैध करार दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कह दिया है कि अथॉरिटी या तो दो महीने में 2013 के कानून के आधार पर मुआवजा दे या फिर किसानों की जमीनें वापस करे।
Hindi News / Prayagraj / यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी को कोर्ट का झटका, 2013 कानून से देना होगा मुआवजा, वर्ना लौटाएं जमीन