7th pay commission आमजन को मिलेगी निराशा, ये हैं कारण
सातवें वेतन आयोग की उम्मीद जागने से केन्द्रीय कर्मचारियों के साथ राज्य कर्मचारियों में भी खुशी का माहौल छाया हुआ है, लेकिन यह माहौल आम लोगों के लिए निराशा वाला है।
आगरा। सातवें वेतन आयोग की उम्मीद जागने से केन्द्रीय कर्मचारियों के साथ राज्य कर्मचारियों में भी खुशी का माहौल छाया हुआ है, लेकिन यह माहौल आम लोगों के लिए निराशा वाला है। माना यह जा रहा है कि इस वेतनमान से भले ही सरकारी कर्मचारी लाभान्वित होंगे, लेकिन आम जन को मंहगाई की मार झेलनी पड़ेगी।
जितनी कमाई उतना खर्चा
सीए दीपिका अग्रवाल ने बताया कि सातवें वेतन आयोग के बाद महंगाई का बढ़ना स्वभाविक है। कहा जाता है, कि कमाई के हिसाब से खर्चे भी बढ़ जाते हैं। जब कमाई ज्यादा होगी, तो खर्चे बढेंगे। सरकारी कर्मचारियों का लिविंग स्टेंडर्ड भी बढेगा। यहां से प्रतिस्पर्धा की दौर शुरू होगा, जो आमजन या निजी कम्पनियों में जॉब कर रहे वेतनभोगियों को मुश्किल में डालेगी। सीए अरुण चन्द्र का कहना है महंगाई जिस प्रकार से बढ रही है, उस हिसाब से यह निश्चित ही कर्मचारियों को तोहफा है। लेकिन आमजन जब इस श्रेणी में आते ही नहीं हैं तो उनके खुश होने और निराश होने का सवाल ही नहीं उठता है।
बढ़ जाएगी महंगाई
सातवें वेतन आयोग लागू होने के बाद महंगाई की मार आमजन पर पड़ेगी, कारण है कि बाजार में जब पैसा आता है, तो महंगाई स्वत ही बढ़ जाती है। सीए ज्ञानेश गौतम ने बताया कि सैलरी बढ़ेगी, तो बाजार में बूम आएगा और जब बाजार में बूम आता है, तो चीजों के दाम सस्ते नहीं होते, बल्कि महंगे होते हैं। उन्होंने बताया कि कपडा, आॅटोमोबाइल्स पर इसका सीधा प्रभाव पडता है। जो केंद्रीय कर्मचारी नहीं हैं उन्हें इसका नुकसान होगा।
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