अप्रैल इस साल भी सबसे गर्म महीना
बुधवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक वायु और समुद्री सतह के रेकॉर्डतोड़ तापमान के मामले में अप्रेल इस साल भी ‘उल्लेखनीय’ महीना था। यूरोपीय संघ की कोपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा ने कहा कि अल नीनो मौसम की घटना के लगातार कमजोर होने के बावजूद असामान्य रूप से गर्म स्थितियां आईं, वहीं ग्लोबल वार्मिंग की चरम सीमा को बढ़ाने में मानव-जनित जलवायु परिवर्तन का भी हाथ रहा। कॉपरनिक्स के अनुसार, पिछले साल जून के बाद से हर महीना रिकॉर्ड पर सबसे गर्म अवधि रहा है। इस साल का अप्रेल भी अपवाद नहीं था, इसका तापमान भी 1850-1900 पूर्व-औद्योगिक औसत से 1.58 डिग्री सेल्सियस ऊपर दर्ज किया गया।
गर्म होते महासागर भी जोखिम
कॉपरनिकस ने कहा कि प्राकृतिक अल नीनो पैटर्न, जो प्रशांत महासागर को गर्म करता है और वैश्विक तापमान में वृद्धि का कारण बनता है, इस साल की शुरुआत में चरम पर था और अप्रैल में ‘तटस्थ स्थिति’ की ओर बढ़ रहा था। फिर भी, समुद्र की सतह के औसत तापमान ने लगातार 13वें महीने अप्रेल में रिकॉर्ड तोड़ दिया। गर्म होते महासागर समुद्री जीवन के लिए खतरा पैदा करते हैं, वातावरण में अधिक नमी लाते हैं और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को अवशोषित करने में इनकी भूमिका को खतरे में डालते हैं।
आगे के लिए स्थितियां अभी भी अनिश्चित
जलवायु पूर्वानुमानों से पता चलता है कि वर्ष की दूसरी छमाही में अल नीनो का ला नीना में संक्रमण भी देखा जा सकता है, जो वैश्विक तापमान को कम करता है, लेकिन स्थितियां अभी भी अनिश्चित हैं। अल नीनो के ख़त्म होने का मतलब उच्च तापमान का ख़त्म होना नहीं है। कॉपरनिक्स के डायरेक्टर, कार्लो बूनटेम्पो कहते हैं कि ग्रीनहाउस गैसों की बढ़ती सांद्रता के कारण समुद्र और वायुमंडल में फंसी अतिरिक्त ऊर्जा वैश्विक तापमान को नए रेकॉर्ड की ओर धकेलती रहेगी।