scriptकेंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन हैं टक्कर में, विकास से ठौर तलाश रही भाजपा | Kerala: Union Minister of State for External Affairs V. Muraleedharan is in competition, BJP is looking for a place in development | Patrika News
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केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन हैं टक्कर में, विकास से ठौर तलाश रही भाजपा

Lok Sabha Elections 2024 : तिरुवनंतपुरम से पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर मैदान में हैं तो अटिंगल से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन चुनाव लड़ रहे हैं। पढ़िए पी.एस. विजयराघवन की विशेष रिपोर्ट …

नई दिल्लीApr 27, 2024 / 10:07 am

Shaitan Prajapat

Lok Sabha Elections 2024 : केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 28 किलोमीटर की दूरी पर अटिंगल है। सात विधानसभा सीटों के समावेश वाली इस लोकसभा सीट और तिरुवनंतपुरम में बड़ी समानता है। तिरुवनंतपुरम से पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर मैदान में हैं तो अटिंगल से केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों सीटों में काफी कुछ समानता दिखाई दी। विकास को तरस रहे केरल की अन्य लोकसभा सीटों में यह भी शुमार समझी जानी चाहिए। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन 24 अप्रैल को एलडीएफ, यूडीएफ और भाजपा कार्यकर्ताओं का जोरदार प्रचार करना अहसास करा रहा था कि वे अंतिम घंटों को इंडियन प्रीमियर लीग के स्लॉग ओवर की तरह यूज करना चाहते थे। इस जोर आजमाइश में कांग्रेस और भाजपा के चुनाव कार्यालय के बाहर चुनाव आयोग की गाड़ी दौड़ती दिखाई दी जिससे मेरे मन में कौतूहल पैदा हुआ। इसकी वजह यह थी कि गत चार दिनों में इलेक्शन अर्जेंट लिखी एकाध गाड़ी भी बमुश्किल दिखाई दी थी।
लाउड स्पीकर के शोर के बीच मैं तिरुवनंतपुरम से बस पकड़ कर अटिंगल पहुंचा। अटिंगल लोकसभा सीट की भौगोलिक बनावट बड़ी दिलचस्प है। जहां तिरुवनंतपुरम समुद्र तट पर है तो अटिंगल में तट भी है और पश्चिमी घाट के पहाड़ी क्षेत्रों की ऊंचाई भी है। बेहतर कनेक्टिविटी को लेकर भाजपा की ओर से जारी मोदी की गारंटी में तट को पहाड़ी इलाके से जोड़ने का दावा ठोका गया है, जिस पर भाजपा सवारी कर रही है। बदहवास करती धूप में तीनों ही दलों की गाड़ियां पार्टी प्रत्याशियों वी. मुरलीधरन (भाजपा), आदूर प्रकाश (कांग्रेस से मौजूदा सांसद) और वी. जॉय (एलडीएफ) के नारे से धूप में पसीज रहे लोगों को हिला रही थी। 28 किलोमीटर की इस दूरी में राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण का कार्य दिखाई दिया। मोदी सरकार को लगता है कि राजमार्ग बिछाकर और बंदरगाह बनाकर कुछ तो हासिल होगा।
मौजूदा सांसद को लेकर मिली-जुली चर्चा
मौजूदा सांसद आदूर प्रकाश पांच बार लगातार कोन्नी विधानसभा से विधायक चुने गए थे और पिछली बार सांसद बने। एक जमाने में एलडीएफ की दुर्ग रही इस सीट पर वामदल दबाव में है। आदूर प्रकाश की सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह की चर्चाएं सुनने को मिलीं। वहीं, वी. मुरलीधरन के लिए वोट मांग रहे पार्टी नेता सुरेश, जो इस निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव प्रभारी भी हैं, भाजपा को बेहतर स्थिति में पाते हैं। इस छोटे से इलाके में डेढ़ साल पहले ही भाजपा ने तीन कार्यालय स्थापित कर दिए थे, जो उसकी पूर्व तैयारी को दिखाता है। वहीं, कांग्रेस के भी अच्छे प्रयास दिखाई दिए। आरोप है कि कांग्रेस सांसद जीत के बाद दिल्ली के हो गए।
असंतोष से किसको मिलेगा संतोष?
रोचक मुकाबले में सीट की जमीनी हकीकत को समझने की कोशिश की तो पता चला कि तिरुवनंतपुरम के बाहर सबसे ज्यादा विकास कार्य इसी सीट पर हुए हैं। वैसे केरल में अब तक का सबसे बड़ा हाईवे बन रहा है, जो कासरगोड से तिरुवनंतपुरम को जोड़ेगा। मतदाता मानते हैं कि इस हाईवे के निर्माण से जिन्दगी और आवाजाही आसान हो जाएगी।
अटिंगल जाते वक्त मार्ग में केंद्र सरकार के संस्थान और दफ्तर दिखे, जिनमें सबसे प्रमुख नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी था। बता दें कि केरल को इस संस्थान की सर्वाधिक आवश्यकता है, जो अभी तक पूर्णरूप से शुरू नहीं हुआ है। कोविड हो या बर्ड फ्लू संक्रमण यहीं सबसे ज्यादा प्रभावी नजर आया। इसके आगे एक बंदरगाह भी निर्माणाधीन है। इस सीट पर 70 प्रतिशत हिन्दू आबादी बताई गई है। एलडीएफ सरकार के प्रति नाराजगी और रोष यहां भी दिखाई दिया। पिछले कुछ सालों तक हिन्दुओं के वोट एलडीएफ को जाते थे। अब इस वोट बैंक में सेंधमारी होती दिख रही है। कांग्रेस को पिछले चुनाव में इसका लाभ मिला था। अब पीएम मोदी की लोकप्रियता बढ़ जाने से भाजपा को उम्मीद है कि वे वोट उनकी ओर ट्रांसफर होंगे।

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