ये है मामला
पीठ दंतेवाड़ा निवासी अब्दुल हमीद सिद्दीकी (43) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। वह अलग धर्म की महिला (36) के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में था। दोनों का एक बच्चा है। बाद में महिला अलग हो गई थी। बच्चे की कस्टडी को लेकर दंतेवाड़ा की फैमिली कोर्ट ने दिसंबर 2023 में अब्दुल हमीद सिद्दीकी की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट ने भी सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने व्यक्तिगत कानूनों और अंतरधार्मिक विवाहों की जटिलताओं पर जिक्र किया।
पहले से शादीशुदा और तीन बच्चों का बाप भी
कोर्ट ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह की वैधता के बारे में याचिकाकर्ता के बयानों में विसंगतियां पाईं। वह पहले से शादीशुदा था। अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसके तीन बच्चे भी हैं। उसकी लिव-इन पार्टनर रही महिला के वकील ने तर्क दिया कि याचिका में विवाह की वैधता साबित करने के लिए सबूतों का अभाव है।
महिला ने किया विरोध
अब्दुल हमीद सिद्दीकी ने दावा किया कि 2021 में ‘शादी’ से पहले वह तीन साल दूसरे धर्म की महिला के साथ रहा। उसने महिला से मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार अंतरधार्मिक विवाह किया था। उसने तर्क दिया कि मुस्लिम कानून के अनुसार उसे कई शादियां करने का अधिकार है। उसकी लिव-अन पार्टनर रही महिला ने बच्चे की कस्टडी के उसके दावे का विरोध किया।