Acidity की दवा से बढ़ सकता है Migraine का खतरा, विशेषज्ञों की चेतावनी
अगर आप पहले से ही माइग्रेन (Migraine) की समस्या से जूझ रहे हैं तो एसिडिटी की दवा लेना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार एसिडिटी (Acidity) कम करने वाली दवाएं माइग्रेन (Migraine) का खतरा बढ़ा सकती हैं.
Acidity medicine may increase the risk of migraine
अगर आप पहले से ही माइग्रेन (Migraine) की समस्या से जूझ रहे हैं तो एसिडिटी की दवा लेना आपके लिए जोखिम भरा हो सकता है. हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार एसिडिटी (Acidity) कम करने वाली दवाएं माइग्रेन (Migraine) का खतरा बढ़ा सकती हैं.
सिमेटिडीन, फैमोटिडीन और ऐंटअसिड जैसी दवाएं लेने वालों में माइग्रेन या तेज सिरदर्द का खतरा ज्यादा होता है
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के एक न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है. इस अध्ययन में पाया गया कि प्रोटॉन पंप इनहबिटर्स (PPIs) दवाओं जैसे कि ओमेप्राज़ोल और एसोमेप्राज़ोल, हिस्ट H2-रिसेप्टर विरोधी (H2RAs) दवाओं जैसे कि सिमेटिडीन और फैमोटिडीन और ऐंटअसिड जैसी दवाएं लेने वालों में माइग्रेन (Migraine) या तेज सिरदर्द का खतरा ज्यादा होता है.
अध्ययन में पाया गया कि PPI दवाएं लेने वालों में माइग्रेन का खतरा 70% ज्यादा था जबकि H2RA दवा लेने वालों में ये खतरा 40% ज्यादा था.
डॉक्टर सुधीर कुमार का कहना है कि जिन लोगों को पहले से ही माइग्रेन (Migraine) या तेज सिरदर्द की समस्या है और वो पेट की समस्याओं के लिए PPI या H2RA दवा ले रहे हैं, उन्हें ये दवाएं लेना बंद करके देखना चाहिए कि इससे उनका सिरदर्द कम होता है कि नहीं.”
हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि दवाएं सीधे तौर पर माइग्रेन (Migraine) का कारण बनती हैं या फिर ये दोनों समस्याएं एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. डॉक्टर सुधीर का कहना है कि इस बारे में और अध्ययन की जरूरत है.
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