इसके अनुसार एक वर्ष में बारह मास होते हैं और एक मास में दो एकादशी होती हैं, इस तरह एक वर्ष में चौबीस (24) एकादशी आती हैं और सभी एकादशी अपने नाम के अनुसार फल देती हैं। वहीं जिस वर्ष में अधिक (लौंद) मास पड़ता है, उस वर्ष में दो एकादशी बढ़ जाती हैं। इस तरह इन दो एकादशियों को मिलाकर एक वर्ष में अधिकतम कुल छब्बीस (26) एकादशी होती हैं। इन एकादशी व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को संसार के सभी सुख मिलते हैं। धन वैभव प्राप्त होता है, संतान तरक्की करती है। वहीं मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
साल की सभी एकादशी का नाम
- उत्पन्ना एकादशी
- मोक्षदा एकादशी
- सफला एकादशी
- पौष पुत्रदा एकादशी
- षटतिला एकादशी
- जया एकादशी
7.विजया एकादशी - आमलकी एकादशी
- पापमोचिनी एकादशी
- कामदा एकादशी
- वरूथिनी एकादशी
- मोहिनी एकादशी
- अपरा एकादशी
- निर्जला एकादशी
- योगिनी एकादशी
- देवशयनी एकादशी
- कामिका एकादशी
- श्रावण पुत्रदा एकादशी
- अजा एकादशी
- परिवर्तिनी एकादशी
- इंदिरा एकादशी
- पापांकुशा एकादशी
- रमा एकादशी
- प्रबोधिनी एकादशी (देव उठनी)
अधिक मास की दोनों एकाशियों के नाम
- पद्मिनी एकादशी
- परम एकादशी
ये सब एकादशी यथानाम तथा फल देने वाली हैं।