कोरोना काल के बाद सेहत के प्रति लोग जागरूक हुए हैं। यहीं वजह है कि स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी परेशानी पर लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं। इससे सरकारी अस्पतालों में आउटडोर की संख्या में इजाफा हुआ है। महात्मा गांधी अस्पताल में सबसे बड़ी परेशानी रात के समय एक ही गेट खुला रहना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय की ओर का रात में गेट बंद कर देने से चिकित्सक, मरीजों और तीमारदारों को परेशानी होती है। यह बात सामने आई राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस पर शनिवार को चिकित्सकों के साथ हुए टॉक शो में।
चिकित्सकों का कहना था कि भीलवाड़ा जिले में स्वास्थ्य सेवा सुदृढ़ हुई है। महात्मा गांधी अस्पताल के मेडिकल कॉलेज से जुड़ने से यहां चिकित्सकीय सेवा का विस्तार हुआ है। अब जयपुर-अहमदाबाद जैसी सुपर स्पेलिशलिटी सेवा एमजीएच में मरीजों को उपलब्ध हो रही है। ऐसे में यहां से रैफर करने की नौबत नहीं आती है। जटिल से जटिल ऑपरेशन किए जा रहे हैं। चिकित्सकों ने कहा कि राजस्थान पत्रिका विश्वसनीयता में खरा है। यहीं पत्रिका की पहचान है।
ये हुए संवाद में शामिल
पत्रिका की ओर से हुए संवाद में मुख्य चिकित्सक एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीपी गोस्वामी, डॉ. पवन बंसल, डॉ. वीरभान चंचलानी, डॉ. वीरेन्द्र शर्मा, डॉ. शैतानसिंह, डॉ. रीना जैन, डॉ. ममता गंगवाल, डॉ. रामावतार बैरवा, डॉ. दौलत मीणा, डॉ. आशा शर्मा आदि मौजूद थे।
ये उठाए मुद्दे…
शहर की सड़कों पर आवारा मवेशियों के जमघट से दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
रेलवे फाटक बंद होने पर जाम से लोग परेशान है। एक और ओवरब्रिज मांग जायज।
सड़कों की हालत बुरी। जगह-जगह गड्ढों से हो रही परेशानी।
अस्पताल के चारों और हो रहे अतिक्रमण को हटाया जाना चाहिए।
अस्पताल को एक और गेट की दरकार।