तात्कालीन राष्ट्रपति ने किया था लोकार्पण
भारत सरकार और पूर्ववर्ती सोवियत संघ की सरकार के बीच 2 फरवरी, 1955 को एक मिलियन टन क्षमता संयंत्र की स्थापना के लिए करार पर हस्ताक्षर हुआ था। इसके बाद प्रथम धमन भट्ठी 4 फरवरी, 1959 को शुरू हुई थी और एक मिलियन टन क्षमता के तहत समस्त इकाइयां 1961 तक शुरू हो गई थी। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बीएसपी के प्रथम ब्लास्ट फर्नेस का लोकार्पण 4 फरवरी, 1959 को किया था। यह वही धमन भट्ठी है।
ब्लास्ट फर्नेस 1 का बढ़ गया था प्रोडक्शन कॉस्ट
नए फर्नेस की अपेक्षा ब्लास्ट फर्नेस 1 का प्रोडक्शन कॉस्ट बढ़ गया था। यह मेंटनेंस भी मांग रहा है। यहां तीनों शिफ्ट में करीब 60 कर्मचारी और अधिकारी काम कर रहे थे। अब उनको दूसरे फर्नेस में काम पर लगाया जाएगा।
तीनों फर्नेस हो चुके हैं बंद
भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस 2 और 3 को पहले ही बंद कर डिस्मेंटल किया जा चुका है। अब ब्लास्ट फर्नेस 1 को बंद किया जाएगा। इस तरह से प्रबंधन ब्लास्ट फर्नेस 8 शुरू होने के बाद छोटे फर्नेस को बंद करने का सिलसिला जारी रखा है।
जुड़ी हैं यादें
भिलाई इस्पात संयंत्र से 69 साल पुराने ब्लास्ट फर्नेस-1 की यादें जुड़ी हुई है। भिलाई को भिलाई स्टील प्लांट के तौर पर पहचान इस फर्नेस ने ही दिलाई है। आखिरी वक्त तक इस फर्नेस ने 2000 टन प्रतिदिन उत्पादन दिया है। सबसे पुराना ब्लास्ट फर्नेस-1 ने अपने बाद में स्थापित हुए ब्लास्ट फर्नेस-2 व 3 को भी पीछे छोड़ दिया था। इस वजह से वे पहले बंद हो गए। किफायती होने की वजह से यह अब तक चलता रहा। https://www.patrika.com/prime/exclusive/bsp-will-set-up-the-first-15-mw-floating-solar-power-plant-on-maroda-reservoir-18681764