बंद काम पर श्रमिक घरों को लौट गए थे। गाडिय़ों की आवाजाही पूरी थम गई थी। लेकिन मॉडिफाइड लाकडाउन पर मिली छूट पर बीते पन्द्रह दिनों से अब ग्रेनाइट खदानों में फिर से कार्य शुरू हुआ है। देवड़ा की लगभग दो दर्जन ग्रेनाइट इकाइयों में से करीब में एक दर्जन में खनन व माल लोडिंग का कार्य शुरू हो गया है।
यद्पि अधिकांश अप्रवासी श्रमिक काम पर नहीं लौटे हंै। इससे खान मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस पर वे स्थानीय श्रमिकों से मदद से काम करवा रहे हैं। देवड़ा का ग्रेनाइट प्रख्यात है-
दो दशक से विशेषकर देवड़ा में संचालित ग्रेनाइट खदानों से निकलने वाला बेशकीमती पत्थर अपनी गुणवत्ता व कलर के लिए देश व विदेशों में प्रसिद्ध है। विदेशों में उक्त पत्थर निर्यात होता है। यहां स्थापित करीब दो दर्जन ग्रेनाइट इकाइयों से प्रतिदिन 50 टर्बो गाडिय़ां ग्रेनाइट पत्थरों से भरकर देश के कोने कोने में पहुंचती है।
एक गाड़ी में लगभग 30 टन माल लोडिंग होता है। प्रति टन लगभग दो हजार रुपए अनुमानित कीमत आंकी जाने पर महीने में 9 करोड़ कीमत का माल देश के कोने कोने में बिकने को जाता है।
करीब एक दर्जन इकाईयों में शुरू हुए कार्य पर अब प्रतिदिन करीब 15 टर्बो गाडिय़ां ग्रेनाइट पत्थरों से लोड होकर देश भर में पहुंच रही है। इससे करीब 250 से 300 श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।
व्यू– कोरोना महामारी व लॉक डाउन पर दो माह से देवड़ा ग्रेनाइट खानों में खनन बन्द था। लॉक डाउन में छूट मिलने पर अब कार्य फिर शुरू हुआ है। प्रतिदिन 15 टर्बो गाडिय़ां लोडिंग हो रही है।
– सोहनसिंह पादरड़ी, ट्रांसपोर्टर कन्सल्टर दो माह से देवड़ा खदानों में कार्य बन्द था। अन्य प्रदेशों के श्रमिक घरों को चले गए हैं। दस दिनों से दस बारह खदानों में कार्य शुरू हुआ है। इससे स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है।
– भेरूसिंह बालावत, देवड़ा खान संचालक