मार्च-अप्रेल में ही बढ़ गया डेंगू
सामान्यत: डेंगू बरसाती सीजन के बाद असर दिखाता है, लेकिन अब डेंगू का असर तेज गर्मी के बाद भी मार्च-अप्रेल में ज्यादा दिखा है। मई आते-आते प्रदेश में डेंगू रोगियों की संख्या 758 तक पहुंच चुकी है। इसमें भी जयपुर, बीकानेर, कोटा, प्रतापगढ़ आदि जिले ज्यादा प्रभावित हैं। यहां पर तेजी से डेंगू पैर पसार रहा है।
बरसाती सीजन के बाद की चिंता
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि डेंगू के केस आने लगे हैं, जबकि अभी काफी तेज गर्मी पड़ रही है। कई बड़े शहरों में आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। डेंगू को लेकर रोकथाम के उपाय नहीं किए तो बरसाती सीजन के बाद यह और तेजी से फैल सकता है। इसलिए अभी से ही डेंगू नियंत्रण के उपाय शुरू करने की आवश्यकता है।
अस्पतालों में बुखार के रोगियों की कतारें
बुखार पीड़ितों के मामले लगातार बढ़ रहे है। अस्पतालों में मरीजों की लाइनें लग रही है, जिसमें मौसमी बीमारियों में अधिकांश बुखार और खांसी से ग्रस्त मरीज है। बुखार पीड़ितों की जांच में प्लेटलेट कम आने पर उसे डेंगू की जांच की सलाह दी जा रही है। वहीं बाड़मेर-जैसलमेर में मलेरिया की आशंका के चलते जांच करवाई जा रही है। थार में डेंगू के केस अभी ज्यादा सामने नहीं आए है, लेकिन मलेरिया के केस 1 मई तक बाड़मेर में 29 और जैसलमेर में 27 सामने आ चुके हैं। राज्य में कुल 130 केस मिल चुके हैं। उल्लेखनीय है कि पिछली सीजन में भी बाड़मेर-जैसलमेर में मलेरिया कहर बना था। मलेरिया के केस करीब 1000 तक पहुंचे थे और पूरे प्रदेश में बाड़मेर सबसे टॉप पर था। वहीं बाड़मेर-बालोतरा में डेंगू के अब तक 3-3 मामले सामने आए हैं। वहीं मलेरिया का केस बालोतरा में एक भी सामने नहीं आया है। दूसरी तरफ जैसलमेर में डेंगू का एक भी केस रिपोर्ट नहीं है।