माहिर के परिजनों ने उसके शव को बिना पुलिस कार्रवाई के दफना दिया। जबकि चिराग के परिजनों ने पोस्टमार्टम कराया, जिसमें उसकी गला घोटकर हत्या की पुष्टि हुई है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल की। दोनों बच्चों की मौत रहस्य बनी हुई है।
मृतक माहिर गांव में रहने वाले विपिन सैनी का मझला बेटा था। विपिन अमरोहा के रोडवेज बस अड्डे के पास खाने का ठेला लगाकर परिवार का पालन पोषण करता है। परिवार में पत्नी के अलावा तीन बेटे मयंक, माहिर और नितिन हैं।
मंगलवार की दोपहर तीन बजे माहिर अचानक घर से गायब हो गया था। परिजनों ने उसे काफी तलाश किया, लेकिन कहीं पता नहीं चला। लेकिन शाम के समय करीब पांच बजे उसका शव पड़ोस में ही रहने वाली शीला देवी के घर में मुख्य दरवाजे के पीछे घर में पड़ा मिला।
इस दौरान दरवाजा बंद था, लेकिन माहिर भीतर कैसे पहुंचा यह रहस्य बना हुआ है। उसके चेहरे और माथे पर चोट के निशान थे। लेकिन परिजनों ने बिना पुलिस कार्रवाई के शव का दफीना कर दिया। अभी चौबीस घंटे का समय भी नहीं बीता था कि पड़ोस में रहने वाले दर्जी राजू के बेटे चिराग की भी हत्या कर दी गई।
चिराग तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर का था। जबकि मृतक चिराग के पिता राजू और उसकी मां खेमवती दोनों दिव्यांग हैं। उसका शव बुधवार की दोपहर बारह बजे अपने ही घर में पड़ा मिला। चिराग के चेहरे और गले पर निशान मिले।
ऐसा प्रतीत हो रहा था कि चिराग की रस्सी से गला घोट कर हत्या की गई। चौबीस घंटे के भीतर दो बच्चों की मौत से गांव के लोग सहम गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और चिराग के शव का पोस्टमार्टम कराया।
जिसमें गला घोटकर हत्या की पुष्टि हुई है। जिसके बाद पुलिस हरकत में आ गई और छानबीन शुरू कर दी। गुरुवार को भी पुलिस दिनभर गांव में सुरागकशी करती रही। पुलिस ने चिराग की हत्या के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। जबकि माहिर के शव को कब्र से निकालने की प्रक्रिया की जा रही है।