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राजस्थान के इस शहर के फिल्टर प्लांट लगे हांफने…पढ़े पूरी खबर

– राजसमंद में फिल्टर प्लांट क्षमता से 1.50 और नाथद्वारा में 2-3 एमएलडी हो रहा पानी फिल्टर
– जिले में 87 एमएलडी पानी की आवश्यकता, 71 एमएलडी पानी की हो रही सप्लाई

राजसमंदApr 30, 2024 / 11:42 am

himanshu dhawal

तुलसी साधना शिखर में संचालित फिल्टर प्लांट

राजसमंद. राजसमंद और नाथद्वारा में पानी को शुद्ध करने वाले फिल्टर प्लांट भी अब हांफने लगे हैं। स्थिति यह है कि जिला मुख्यालय पर बना फिल्टर प्लांट अपनी क्षमता से डेढ़ एमएलडी और नाथद्वारा के बाघेरी का नाका पर बना फिल्टर प्लांट दो-तीन एमएलडी पानी अधिक फिल्टर कर रहे है। जिले में प्रतिदिन 87 एमएलडी पानी सप्लाई की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 71 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही है। हालांकि नाथद्वारा में नए फिल्टर प्लांट का काम जारी है।
जिला मुख्यालय पर राजसमंद झील से पानी की सप्लाई होती है। यहां से पानी को पंप कर तुलसी साधना शिखर पर बने फिल्टर प्लांट में पहुंचाया जाता है। वहां पर दो फिल्टर प्लांट बने हैं। इसमें से एक पुराना होने के कारण बंद पड़ा है, जबकि दूसरे फिल्टर प्लांट से पानी को फिल्टर किया जाता है। इसकी क्षमता 15 एमएलडी की है, जबकि इससे प्रतिदिन 16.50 एमएलडी से अधिक पानी को फिल्टर किया जा रहा है। इसी प्रकार नाथद्वारा में बाघेरी का नाका पर बने फिल्टर प्लांट की क्षमता 6 एमएलडी की है, जबकि उससे 7-8 एमएलडी पानी को फिल्टर किया जा रहा है। नाथद्वारा में नए फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य जारी है। फिल्टर प्लांट के ओवरलोड होने से पानी की शुद्धता पर सवालिया निशान लगता है। हालांकि जलदाय विभाग का दावा है कि फिल्टर पानी की नियमित सैम्पलिंग की जाती है। इसके अलावा भूमिगत जल स्त्रोतों से भी पानी सप्लाई की जाती है। उल्लेखनीय है कि गर्मी बढऩे के साथ ही पानी की मांग भी बढ़ती जा रही है।

फिल्टर प्लांट का काम 2025 तक होगा पूरा

नाथद्वारा में रूडीफ के माध्यम से नए फिल्टर प्लांट का निर्माण कार्य जारी है। इसमें पूरे प्रोजेक्ट का 30 प्रतिशत और सिविल वर्क का 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। इसका कार्यादेश दिसम्बर 2022 में जारी किया गया था। उक्त कार्य को दिसम्बर 2025 तक पूरा करना है। इस पर फिल्टर प्लांट निर्माण सहित अन्य कार्य पर करीब 105 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसकी क्षमता 11 एमएलडी है।
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जिले की 13 लाख के करीब आबादी

जानकारों के अनुसार राजसमंद, नाथद्वारा, देवगढ़ और आमेट की स्थानीय निकायों की आबादी करीब 2.50 लाख है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र की आबादी करीब 11 लाख के करीब है। जलदाय विभाग के अनुसार शहरी क्षेत्र में 100 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 55 लीटर पानी की सप्लाई होती है। ऐसे में जिले की पूरी आबादी को करीब 87 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन सतही पानी की कमी के कारण करीब 71 एमएलडी पानी की सप्लाई ही हो पा रही है।

देवगढ़ और आमेट में भू-जल ोत से हो रही सप्लाई

राजसमंद जिला मुख्यालय पर राजसमंद झील से पानी की सप्लाई होती है। वहीं एक नलकूप, एक कुआं, 55 ट्यूबवैल और 406 हैंडपंप के पानी का उपयोग हो रहा है। इसी प्रकार नाथद्वारा में नंदसमंद झील से पानी की सप्लाई होती है। इसके अलावा 12 नलकूप, 5 कुंए, 60 सिंगल फेज एवं 90 हैंडपंप का उपयोग हो रहा है। देवगढ़ में एक नलकूप, 5 कुओं, 12 सिंगल फेज और 126 हैंडपंप से और आमेट में 2 नलकूप, 5 कुओं, 10 सिंगल फेज और 126 हैंडपंप प्यास बुझा रहे हैं।

60 की जगह 45 एमएलडी पानी की सप्लाई

आमेट और राजसमंद में 1051 गांव आते हैं। इसकी आबादी करीब 11 लाख है। यहां पर 60 एमएलडी पानी की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 45 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही है। आमेट में सतही पेयजल दो एवं राजसमंद में 326 है। आमेट में 274 कुओं, 75 नलकूप एवं 4897 हैंडपंप और राजसमंद में 545 खुले कुएं , 977 नलकूप और 9429 हैंडपंप के पानी का उपयोग हो रहा है।

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